पाली.पिछले 3 महीने से पाली पेयजल संकट से जूझ रहा था. पाली के प्रशासन और जनता को उम्मीद थी कि मानसून की बारिश पाली को राहत देगी. प्रशासन ने उम्मीद की थी कि जुलाई के पहले सप्ताह में पाली में मानसून समय पर अपनी दस्तक दे देगा और पाली के बांधों में बरसात की पानी की आवक होने से पाली के लोगों की हलक तर करने में मदद मिलेगी. लेकिन मानसून ने पाली को दगा दे दिया. एक सप्ताह बीतने को आया है. प्रदेश में मानसून की दस्तक के बाद कई जिलों में 300 एमएम से ज्यादा बारिश हो चुकी है लेकिन पाली अभी बारिश से महरूम हैं. ऐसे में पाली की हलक तर करने के लिए अब जलदाय विभाग किसी भी बांध का सहारा नहीं ले सकता. पाली के 52 बांधों में से लगभग सभी बांध सूख चुके हैं. अब एकमात्र जवाई बांध सहारा है. वह भी 10 दिन बाद अपना दम तोड़ देगा. ऐसे में अब पाली प्रशासन पाली की जनता की हलक तर करने के लिए वाटर ट्रेन का प्रस्ताव बनाने की तैयारी कर रही है.
बिन पानी सब सून : मानसून ने तोड़ी पाली की उम्मीद...अब वाटर ट्रेन बुझाएगी प्यास - Monsoon
पाली के प्रशासन और जनता को उम्मीद थी कि मानसून की बारिश पाली को राहत देगी. लेकिन अभी तक नहीं हुई बारिश ने सारी उम्मीदें तोड़ दी हैं. अब पाली की प्यास बुझाने के लिए वाटर ट्रेन का प्रस्ताव रखा गया है.
जलदाय विभाग के अधिकारियों की माने तो जवाई बांध में अब पाली को पानी पिलाने के लिए मात्र 10 दिन का पानी बचा है. वह भी डेड स्टोरेज पानी लोगों की हालक तर करने के लिए काम में लिया जाएगा. ऐसे में मानसून के भरोसे अब विभाग इंतजार नहीं कर रहा. विभाग ने पाली के हलक तर करने के लिए वाटर ट्रेन का प्रस्ताव बनाया है.
जलदाय विभाग की ओर से केंद्र सरकार को 13 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा गया है. जिसमें अगले डेढ़ माह तक प्रतिदिन 4 फेरे लेकर वाटर ट्रेन पाली की जनता के लिए पीने का पानी लाएगी. अधिकारियों ने बताया कि यह बजट सरकार द्वारा जारी होते ही सबसे पहले वाटर ट्रेन के लिए स्थान व पानी के टैंकों को साफ कराने के लिए निविदा जारी कर दी जाएगी. अधिकारियों ने दावा किया है कि 16 जुलाई से पाली में वाटर ट्रेन पानी लेकर आ जाएगी.