महेंद्रजीत सिंह मालवीय मंत्री नहीं बने...लेकिन अब लोकसभा का टिकट भी नहीं मिलेगा..ये है खास वजह
जयपुर. कांग्रेस में लोकसभा चुनाव की टिकट किसे दी जाए और किसे नहीं दी जाए. इसे लेकर लगातार मंथन चल रहा है. बात अगर डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीट की करें तो यहां से महेंद्रजीत सिंह मालवीय या फिर उनकी पत्नी रेशम मालवीय को टिकट नहीं मिल सकता है. इसकी क्या है खास वजह आइए जानते हैं.
कांग्रेस की ओर से जिन फॉर्मूलों की बात इस बार टिकट देने के लिए की जा रही है अगर वो फॉर्मूला लागू होता है तो बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट से महेन्द्रजीत सिंह मालवीय को परेशानी हो सकती है. बांसवाड़ा डूंगरपुर सीट में महेंद्रजीत सिंह मालवीय या उनकी पत्नी रेशम मालवीय की टिकट भी इस समय अटकी हुई है. इसके पीछे मालवीय का विधायक होना तो कारण है ही, साथ ही सबसे बड़ा कारण यह है कि डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीट में एक परंपरा बनी हुई है कि एक बार यह सिर्फ डूंगरपुर के कोटे में जाती है तो दूसरी बार बांसवाड़ा के कोटे में.
ऐसे में पिछले चुनाव में इस सीट पर बांसवाड़ा के कोटे से रेशम मालवीय चुनाव लड़ चुकी है और इस बार इस सीट पर डूंगरपुर जिले का कोटा बनता है. ऐसे में चुनाव जीतने के बावजूद भी इस सीट से महेंद्र जीत सिंह मालवीय या उनकी पत्नी रेशम मालवीय का टिकट होना लगभग ना के बराबर है.
अगर मालवीय को टिकट नहीं मिलता है तो पहले तो वो गहलोत सरकार में प्रबल दावेदार होने के बाद भी मंत्री नहीं बन पाए. और अब नए फार्मूले की वजह से लोकसभा का टिकट भी नहीं पाएंगे. वहीं उनकी पत्नी भी नए फॉर्मूले के चपेट में आ रही है. ऐसे में क्या कांग्रेस अपने फॉर्मूले में बदलाव कर इन्हें टिकट देगी. ऐसा इसलिए क्योंकि विधानसभा चुनाव के दौरान बनाए गए कई फॉर्मूले आखिरी समय में नामों के ऐलान के साथ टूटते हुए नजर आए थे