जयपुर. 1998 में निकली शिक्षक भर्ती में चयनित शिक्षक बुधवार को जयपुर जिला कलक्ट्रेट पर पर मुर्गा बने और अपनी नियुक्ति की मांग की. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए चयनित शिक्षकों की आंखें भी नम हो गई. उन्होंने मीडिया के सामने अपना दर्द बयां किया. उन्होंने कहा कि हमारे अंक ज्यादा आए हैं और हम 21 साल से नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं.
जयपुरः चयनित शिक्षकों ने 'मुर्गा' बनकर मांगी नियुक्ति...21 साल से कर रहे इंतजार लेकिन जिन अभ्यर्थियों के कम अंक थे उन्हें नियुक्ति दे दी गई और वे 21 साल से नौकरी भी कर रहे हैं. अखिल राजस्थान चयनित शिक्षक संघ के संरक्षक जितेंद्र पालीवाल ने कहा कि हम गलत तरीका अपनाएंगे तभी सरकार सुनेगी क्या? आपको बता दें कि वर्ष 1998 में सरकार ने जिला परिषद परिषद के माध्यम से तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती निकाली थी. भर्ती के बाद उच्च न्यायालय ने ग्रामीण और जिले के 15 प्रतिशत बोनस अंक हटाते हुए नई मेरिट सूची जारी कर नियुक्ति का आदेश दिए थे.
लेकिन सरकार ने आज तक कोई कार्रवाई इस मामले में नहीं की. बल्कि कुछ अधिकारियों ने इसकी आड़ में अपने चहेते लोगों को नियुक्ति दिलवा दी और 21 साल से नौकरी कर रहे हैं. जबकि उनसे अधिक अंक जिन लोगों ने प्राप्त किए थे वह आज जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर अपनी नियुक्ति की मांग कर रहे हैं. सरकार ने 1 जुलाई 2003 और 1 मार्च 2006 को दो बार नियुक्ति आदेश भी जारी किए थे.
पिछले 6 दिन से नियुक्ति की मांग को लेकर कर रहे हैं प्रदर्शन
अखिल राजस्थान चयनित शिक्षक संघ 98 के संरक्षक जितेंद्र पालीवाल ने बताया कि हम पिछले 5 दिनों से धरने पर बैठे हुए हैं. लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि कम अंक वाले नौकरी कर रहे हैं, हम लोग यहां नियुक्ति की मांग को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं. उन्होंने बताया कि गहलोत सरकार ने आदेश निकाला था अब उसको लागू करें. चयनित शिक्षक इंदरवीर यादव ने बताया कि उच्च न्यायालय ने भी हमारे नियुक्ति का आदेश जारी कर चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि यदि सरकार चाहे तो इन चयनित शिक्षकों को नियुक्ति दे सकती है इसके बावजूद भी सरकार हमें नियुक्ति नहीं दे रही है.