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देवकीनंदन या लक्ष्मण सिंह रावत...एक जोशी तो दूसरा गहलोत का करीबी...इसी में उलझी कांग्रेस

कांग्रेस द्वारा जारी हुई राजस्थान के पहली लिस्ट में 25 में से 19 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए वहीं मेवाड़ की सबसे अजीबोगरीब लोकसभा सीट राजसमंद लोकसभा सीट पर अभी भी कांग्रेस ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. जिसको लेकर राजसमंद जिले में चर्चाओं का बाजार गर्म है.

कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं के समर्थन के कारण अटकी राजसमंद लोकसभा सीट

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Published : Mar 30, 2019, 3:23 PM IST

राजसमंद. राजसमंद लोकसभा सीट से कांग्रेस की ओर से इस बार दावेदारी के लिए वर्तमान कांग्रेस जिलाध्यक्ष देवकीनंदन गुर्जर ने भी दावेदारी की है जिनको विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी का नजदीकी माना जाता है. इनके अलावा पूर्व गृहमंत्री लक्ष्मण सिंह रावत ने भी दावेदारी राजसमंद लोकसभा सीट से जताई है. रावत को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी लोगों में से एक माना जाता है.


इस बार के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को राजसमंद लोकसभा सीट से इन दोनों में से एक प्रत्याशी चुनने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है क्योंकि जहां एक तरफ इन दोनों नेताओं को वरिष्ठ नेताओं का समर्थन हासिल है वहीं दूसरी ओर एक दूसरे की टिकट कटवाने के लिए गुटबाजी भी प्रबल हावी है. जिसमें दोनों ही नेता टिकट पाने के लिए जयपुर और दिल्ली के चक्कर लगा रहे हैं.

राजसमंद से संवाददाता कपिल पारीक की रिपोर्ट

आपको बता दें कि राजसमंद लोकसभा क्षेत्र 2008 के नए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आया और पहली मर्तबा 2009 के चुनाव में कांग्रेस के (डेगाना) नागौर निवासी गोपाल सिंह शेखावत ने भाजपा के पूर्व सांसद रासा सिंह रावत को परास्त कर पहले सांसद बने वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के हरि सिंह राठौड़ ने कांग्रेस के गोपाल सिंह शेखावत को हराकर लोकसभा पहुंचे.

अब देखना होगा कि कांग्रेस इन दोनों नेताओं में से किस नेता पर दांव लगाती है वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस कमेटी की मीटिंग में जहां एक तरफ 25 लोकसभा सीटों में से 19 पर अपने उम्मीदवार उतार दिए वही सबसे ज्यादा माथापच्ची राजसमंद लोकसभा सीट को लेकर हुई जिसको लेकर आलाकमान ने फिर से एक बार इस सीट पर सर्वे करवाने या दोबारा से फीडबैक लेने की बात भी सामने आए.

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