जयपुर. शनिवार सुबह 8 बजे से प्रदेशभर के जंगलों में वन्यजीवों की गणना का काम शुरू हो गया है. जंगल में मचान पर बैठकर लगातार 24 घंटे गणना की जा रही है. जिससे जंगल में बने सभी वाटर प्वाइंट्स पर निगरानी की जा रही है. वन कर्मियों के साथ में वन्यजीव प्रेमी भी इस काम में वॉलिंटियर्स बनकर मदद कर रहे हैं. धूप में तपते हुए सभी वन्यजीवों के एक-एक मूवमेंट पर नजरें बनाए रखे हुए है. आज रात पूर्णिमा की है. इसलिए चांद की रोशनी भी अच्छी होगी और जंगल में चांदनी रात में भी वन्यजीवों को गिना जाएगा.
प्रदेश में वन्य जीव गणना में कुल 30 के करीब प्रजाति के वन्यजीवों की गणना की जा रही है. जिनमें भालू, पैंथर, सियागोश, लकड़बग्घे, भेड़िए, सियार, लोमड़ी, जंगली बिल्ली, लंगूर, जंगली सूअर, नीलगाय, सांभर, चीतल, काला हिरण, चौसिंगा, चिंकारा, नेवला, बिज्जू, सेही, सारस, राज गिद्ध, जंगली मुर्गा, मोर, सांड, मरु बिल्ली, मछुआरा बिल्ली और जरख की प्रजातियों को गिना जाएगा.
शनिवार सुबह 8 बजे से वन्यजीव गणना मचान और वॉच टावर से शुरू हो गई. 24 घंटे की वन्यजीव गणना के आंकड़े एकत्रित कर वन मुख्यालय को भेजा जाएगा. वन्यजीव आंकड़ों की अधिकारियों द्वारा तुलना की जाएगी. वन्यजीवों की संख्या में बढ़ोतरी होगी तो वन विभाग के लिए खुशखबरी की बात होगी. और अगर वन्यजीवों की गणना के आंकड़ों में कमी आई तो वन्यजीव प्रेमियों के लिए चिंता का विषय होगा.