राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान में चुनाव के दौरान भीतरघात करने वालों की मांगी रिपोर्ट - रिपोर्ट

राजस्थान की तमाम सीटों पर मतदान होने के बाद कांग्रेस आलाकमान ने लोकसभा सीटों पर भी भीतरघात करने वाले नेताओं, मंत्रियों और विधायकों की परफॉर्मेंस की रिपोर्ट तलब की है. आलाकमान के निर्देशों पर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने यह रिपोर्ट तैयार करने के लिए फीडबैक मांग भी लिया है.

कांग्रेस आलाकमान ने भितरघात करने वालों की परफॉर्मेंस की रिपोर्ट मांगी

By

Published : May 15, 2019, 3:11 PM IST

जयपुर. प्रदेश में मतदान हो चुका है अब इंतजार है तो बस 23 तारीख का लेकिन इससे पहले कांग्रेस आलाकमान ने लोकसभा सीटों पर भीतरघात करने वाले नेताओं, मंत्रियों और विधायकों की परफॉर्मेंस की रिपोर्ट मांगी है. रिपोर्ट में खास बात यह है कि हाईकमान ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के खिलाफ काम करने वाले नेताओं की भी लिस्ट मांगी है. जिसके तहत 25 लोकसभा सीटों पर जिन नेताओं ने भीतरघात किया उनका भी नाम मांगा गया है. 25 में से करीब 13 सीटों पर यह शिकायतें पर्यवेक्षकों के माध्यम से आलाकमान तक पहुंचा भी दी गई हैं.

कांग्रेस आलाकमान ने भीतरघात करने वालों की मांगी रिपोर्ट

बता दें कि अभी तक प्रत्याशी सीधे तौर पर शिकायतें नहीं कर रहे हैं. लेकिन जालौर के लोकसभा प्रत्याशी रतन देवासी, बांसवाड़ा-डूंगरपुर के प्रत्याशी ताराचंद भगोरा और चूरू के प्रत्याशी रफीक मंडेलिया ने तो यह शिकायतें पहुंचा भी दी हैं. बाकी के प्रत्याशियों की शिकायतें संभव है कि चुनाव के बाद ही आएंगी क्योंकि प्रत्याशियों को अब नतीजों का इंतजार भी है. जिसके बाद ही वो सीधे तौर पर अपनी शिकायतें भेजेंगे. लेकिन पर्यवेक्षकों ने भीतरघात की शिकायतें प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे को दे भी दी हैं.

इन सीटों से आई है पर्यवेक्षकों के द्वारा भीतरघात की शिकायतें

जालौर से लोकसभा प्रत्याशी रतन देवासी, चूरू से लोकसभा प्रत्याशी रफीक मंडेलिया और बांसवाड़ा-डूंगरपुर के प्रत्याशी ताराचंद भगोरा ने अपनी सीटों पर भीतरघात की शिकायतें की हैं. इसके साथ ही लोकसभा चुनाव में लगे पर्यवेक्षकों ने बाड़मेर, पाली, उदयपुर, भीलवाड़ा और झालावाड़ सीटों पर कांग्रेसी नेताओं के सहयोग नहीं करने की शिकायत आलाकमान को सौंप दी है. इसके साथ ही बीकानेर, श्रीगंगानगर, झुंझुनूं और जयपुर शहर में भी इस तरीके की शिकायतें सामने आई हैं. लेकिन अभी इस बारे में कोई नेता खुलकर नहीं बोल रहा है.

दरअसल कांग्रेस आलाकमान ने तीन स्तर पर पार्टी नेताओं पर निगरानी रखी थी. इसके लिए दूसरे राज्य के नेताओं को विधानसभावार पर्यवेक्षक लगाया गया था .इसके बाद प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे को भी पूरे मामले पर निगरानी करने के निर्देश दिए गए थे. साथ ही प्रत्याशियों से भी फीडबैक देने के निर्देश जारी किए गए थे. तीनों की रिपोर्ट के मिलान के बाद ही लोकसभा सीट की एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी.

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव से पहले हाईकमान ने तमाम प्रभारियों को निर्देश दिए थे कि जिस भी विधायक और मंत्री की विधानसभा में परफॉर्मेंस खराब होगी उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. कार्रवाई का मतलब मंत्री पद से छुट्टी होने और भविष्य में विधायक की टिकट नहीं देने जैसे सख्त कदम भी हो सकते हैं. इसके कड़े निर्देश के पीछे हाईकमान की मंशा पार्टी के खिलाफ जाकर काम करने वाले नेताओं को सीधा संदेश देना था. अब देखना है कि विपरीत परिणाम आने पर हाईकमान कड़ी कार्रवाई करता है या केवल यह रिपोर्ट महज रिपोर्ट बनकर ही रह जाएगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details