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राजस्थान में फेल साबित हुए गहलोत-पायलट और उनके 23 मंत्री....अपनी विधानसभा में भी नहीं दिला सके जीत - Congress candidate lost all seats in Rajasthan

देश समेत राजस्थान में आई मोदी की सुनामी के आगे कांग्रेस के 25 के 25 प्रत्याशी ताश के पत्तों की तरह बिखर गए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ-साथ उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट समेत ज्यादातर मंत्री भी अपनी सीट बचाने में नाकामयाब साबित हुए.

कांग्रेस के 25 प्रत्याशियों के लिए फेल साबित हुए गहलोत- पायलट

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Published : May 24, 2019, 9:42 AM IST

जयपुर. देश में लोकसभा चुनाव के परिणाम क्या आए. भाजपा ने तो फिर से एक बार राजस्थान में इतिहास रच दिया. ऐसा दूसरी बार हुआ है जब भाजपा ने राजस्थान की 25 की 25 सीटों पर अपना परचम फहराया है. यूं कहे कि राजस्थान में बीजेपी ने कांग्रेस का पूरी तरह से सूपड़ा साफ कर दिया. मोदी की इस सुनामी में आगे कांग्रेस के सभी 25 प्रत्याशी तो तिनके की तरह उड़ गए. लेकिन, इसके साथ ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हो या उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट कोई भी अपनी सीट नहीं बचा पाया.

राजस्थान में केवल दो मंत्री रमेश मीणा (सपोटरा से) और ममता भूपेश (सिकराई से) ही ऐसे रहे. जिन्होंने अपनी विधानसभा क्षेत्र पर कांग्रेस के प्रत्याशियों को जीत दिलवाई है. इसके अलावा तमाम मंत्री भी अपना क्षेत्र नहीं बचा पाए. हालात तो यह हो गए कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने बेटे वैभव गहलोत के लिए चुनाव प्रचार में तो पसीना बहाते दिखे. लेकिन, सरदारपुरा की अपनी विधानसभा सीट से भी वह वैभव गहलोत को नहीं जीता सकें.

तो वहीं उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी टोंक विधानसभा से भले ही 50,000 से ज्यादा मतों से जीते हो. लेकिन, अपनी विधानसभा से वह टोंक के प्रत्याशी को हारने से नहीं बचा पाए. ऐसे में साफ है कि मोदी की सुनामी में ना केवल कांग्रेस के प्रत्याशी उड़ गए. बल्कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री तक अपनी विधानसभा की सीटें नहीं बचा पाए.

कांग्रेस के 25 प्रत्याशियों के लिए फेल साबित हुए गहलोत- पायलट

यह है वो मंत्री जो अपनी सीट भी नहीं बचा पाए

  • सरदारपुरा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की विधानसभा है. लेकिन यहां से वैभव गहलोत हार गए.
  • टोंक विधानसभा से सचिन पायलट विधायक हैं. लेकिन, इस सीट से लोकसभा प्रत्याशी नमो नारायण मीणा को हार मिली.
  • बांसवाड़ा से अर्जुन बामणिया विधायक हैं. लेकिन, वह बांसवाड़ा के प्रत्याशी ताराचंद भगोरा को अपनी विधानसभा से ही नहीं जीता पाए.
  • अंता विधानसभा से प्रमोद जैन भाया मंत्री हैं. लेकिन, वह कांग्रेस के प्रत्याशी प्रमोद शर्मा को अपनी विधानसभा से ही नहीं जीता पाए.
  • कोटा उत्तर से शांति धारीवाल मंत्री हैं. लेकिन, वह लोकसभा प्रत्याशी रामनारायण मीणा को जीत नहीं दिला सकें.
  • ऐसे ही केकड़ी विधानसभा से रघु शर्मा मंत्री हैं. लेकिन, वह अपनी सीट से अजमेर प्रत्याशी रिजू झुनझुनवाला को जीत नहीं दिला सकें.
  • लालसोट से परसादी लाल मीणा मंत्री हैं. लेकिन, वह दौसा लोकसभा से सविता मीणा को जीत नहीं दिला पाए.
  • डीग-कुम्हेर से विश्वेंद्र सिंह मंत्री हैं. लेकिन, वह भरतपुर लोकसभा से अभिजीत कुमार जाटव को जीता नहीं पाए.
  • अलवर ग्रामीण विधानसभा से टीकाराम जूली मंत्री हैं. लेकिन वह अलवर प्रत्याशी भंवर जितेंद्र को जीत नहीं दिला सकें.
  • मानगढ़ से गोविंद सिंह डोटासरा मंत्री हैं. लेकिन वह सीकर के प्रत्याशी सुभाष महरिया को अपनी सीट से नहीं जिता सकें.
  • सुजानगढ़ से मास्टर भंवरलाल मंत्री हैं. लेकिन, वह चूरू से प्रत्याशी रफीक मंडेलिया को जीत नहीं दिला सकें.
  • बीकानेर वेस्ट से बीडी कल्ला मंत्री हैं. लेकिन वह बीकानेर के कांग्रेस प्रत्याशी मदन मेघवाल को जीत नहीं दिला सकें.
  • कोलायत से भंवर सिंह भाटी मंत्री हैं. लेकिन, उनकी सीट से चाहे थोड़े से मार्जिन से ही सही लेकिन, कांग्रेस प्रत्याशी मदन गोपाल मेघवाल को हार झेलनी पड़ी.
  • निंबाहेड़ा से उदयलाल आंजना मंत्री हैं, लेकिन वह इस सीट से चित्तौड़गढ़ से प्रत्याशी गोपाल सिंह ईडवा को जीत नहीं दिला सकें.
  • नावां से महेंद्र चौधरी विधानसभा में उप मुख्य सचेतक हैं, लेकिन नागौर से कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति मिर्धा को वह जीत नहीं दिला सकें.
  • हवा महल विधानसभा से महेश जोशी विधानसभा के सचेतक हैं. लेकिन, वह अपनी सीट से जयपुर शहर की प्रत्याशी ज्योति खंडेलवाल को जीत नहीं दिला सकें.
  • कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास जयपुर के सिविल लाइन से विधायक हैं. लेकिन, इस सीट से कांग्रेस की जयपुर प्रत्याशी ज्योति खंडेलवाल को हार झेलनी पड़ी है.
  • कोटपुतली से राजेंद्र यादव मंत्री हैं, लेकिन वह जयपुर ग्रामीण से कांग्रेस प्रत्याशी कृष्णा पूनिया को जीत नहीं दिला सकें.
  • झोटवाड़ा से लालचंद कटारिया मंत्री हैं. लेकिन वह जयपुर ग्रामीण सीट से कृष्णा पूनिया को जीत नहीं दिला सकें. बल्कि इस सीट से कृष्णा पूनिया की सबसे बड़ी हार भी हुई हैं.
  • नाथद्वारा से सीपी जोशी वर्तमान में विधान सभा की स्पीकर हैं, लेकिन उनकी सीट से भी कांग्रेस प्रत्याशी देवकीनंदन जीत नहीं सकें.
  • बायतु से हरीश चौधरी मंत्री हैं. लेकिन, वह अपनी विधानसभा से बाड़मेर लोकसभा के कांग्रेस प्रत्याशी मानवेंद्र सिंह को जीत नहीं दिला सकें.
  • पोकरण से सालहे मोहम्मद मंत्री हैं. लेकिन वह जोधपुर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी वैभव के लोग को जीत नहीं दिला सकें.
  • सांचौर विधानसभा से सुखराम बिश्नोई मंत्री हैं. लेकिन, वह इस विधानसभा से जालोर लोकसभा के प्रत्याशी रतन देवासी को जीत नहीं दिला सकें.
  • हिंडोली विधानसभा से अशोक चांदना मंत्री हैं. लेकिन, वह भीलवाड़ा के प्रत्याशी रामलाल शर्मा को जीत नहीं दिला सकें.
  • वैर विधानसभा से भजन लाल जाटव मंत्री हैं. लेकिन, वह भरतपुर के कांग्रेस प्रत्याशी अभिजीत कुमार को जीत नहीं दिला सकें.
  • सुभाष गर्ग भरतपुर विधानसभा से आरएलडी के विधायक हैं. जो कांग्रेस के अलायंस में हैं. लेकिन, वह भरतपुर के लोकसभा प्रत्याशी अभिजीत कुमार को जीत नहीं दिला सकें.

बस दो कांग्रेस के ऐसे मंत्री जो अपनी विधानसभा में जीत दिलाने में सफल रहें
जहां एक ओर कांग्रेस के मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री और स्पीकर के साथ ही 23 अन्य मंत्री भी कांग्रेस प्रत्याशी को जीत दिलाने में नाकामयाब रहे. तो इस लिस्ट में मात्र 2 मंत्रियों के नाम ऐसे भी शामिल हैं. जिन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशियों को जिताने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. कम से कम वह अपनी विधानसभा से तो इन प्रत्याशियों को जीत दिलाने में कामयाब रहें. इनमें एक है सपोटरा से खाद्य मंत्री रमेश मीणा तो दूसरी हैं महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश. जहां रमेश मीणा ने सपोटरा से प्रत्याशी संजय कुमार जाटव को अपनी विधानसभा से तो कम से कम जीत दिलाई. तो वहीं सिकराय से विधायक और गहलोत सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने अपनी विधानसभा सिकराय से दौसा की प्रत्याशी सविता मीणा को जीत दिलाई.

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