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हनुमानगढ़ से चुनावी चटकारा : लोगों ने कहा- झूठ और राजनीति दोनों को एक ही पहलू के दो सिक्के हैं...

चुनावी चटकारे कार्यक्रम के तहत ईटीवी की टीम हनुमानगढ़ की रेलवे कैंटीन पहुंची.जहां पर लोकसभा चुनावों की चर्चाएं जोरों पर हैं. इस चटकारे में लोगों ने तो झूठ और राजनीति दोनों को एक ही पहलू बता दिया. आइए जानते हैं क्या कहा लोगों ने.......

हनुमानगढ़ से चुनावी चटकारा

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Published : Apr 22, 2019, 1:48 PM IST

हनुमानगढ़. रेलवे स्टेशन के पास बनी चाय की कैंटीन पर चुनावी चर्चाएं अक्सर होती रहती हैं. चुनावी चर्चाओं का इस कैंटीन को गढ़ कहे तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. स्टेशन से बाहर निकलते ही यह कैंटीन मौजूद है. जब ईटीवी भारत की टीम कार्यक्रम चुनावी चटकारा के तहत यहां पहुंची तो अधिकतर लोगों ने दोबारा से मोदी सरकार बनने की बात कही.

हनुमानगढ़ से चुनावी चटकारा

कार्यक्रम में मुकेश का कहना था कि 5 साल में मोदी ने देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत आगे बढ़ाया है. उनके कार्य करने की क्षमता साबित कर रही है कि वह दोबारा देश के प्रधानमंत्री बनेंगे. वहीं रेलवे के रिटायर्ड कर्मचारी अनिल कुमार ने राजनीति को झूठ करार दे दिया. उनका कहना है कि राजनीति का मतलब ही झूठ से शुरू होता है. उन्होंने कहा कि सब नेता अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए राजनीति में आते हैं. उन्हें आमजन की समस्याओं से कोई मतलब नहीं है.

वहीं युवा बेरोजगार रवि का कहना है कि नेताओं को बेरोजगारी को समस्याओं से कोई मतलब नहीं है, क्योंकि जिस तरह से मोदी ने सत्ता में आने से पहले दो करोड़ रोजगार उपलब्ध करवाने का वादा किया था, महंगाई दूर करने का वादा किया था, उनके सभी वादे हवा हो गए. कुछ लोगों का मानना है कि श्रीगंगानगर लोकसभा से जो भाजपा के प्रत्याशी निहालचंद मैदान में है. वह सिर्फ उनकी मजबूरी है, क्योंकि वह देश का प्रधानमंत्री मोदी को देखना चाहते हैं, इसलिए मजबूरी में निहालचंद को जिताएंगे नहीं तो निहालचंद यहां से बहुत बड़े अंतर से हारते.

कैंटीन में चाय बनाने वाले शंकर का कहना हैं कि उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता सत्ता में कोई भी आये. हां मोदी आते हैं तो उन्हें खुशी होगी. हालांकि लोगों ने अपनी अपनी प्रतिक्रिया दी है कोई कांग्रेस के पक्ष में है तो कोई भाजपा के पक्ष में कोई मोदी के पक्ष में है तो कोई राहुल के पक्ष में लेकिन यह तो मतदान के बाद मतगणना ही तय करेगी कि कौन से लोगों की पसंद सही साबित हुई और कौन से लोगों की पसंद गलत साबित हुई.

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