जोधपुर.जिले के बासनी थाने के उपनिरीक्षक गजेंद्र सिंह रंगे हाथों रिश्वत लेने के मामले ने नया मोड़ लिया है.पूछताछ में उन्होंने नए खुलासे किए हैं. बताया जा रहा है कि लूणी से निकलने वाली अवैध बजरी को लेकर जो डंपर बासनी थाना क्षेत्र से होकर शहर में आते थे, सुबह के समय उसी रूट पर बासनी थाने के पूर्व प्रभारी संजय बोथरा और हेडकांस्टेबल तेजाराम की लोकेशन एसीबी को मिली है.
बासनी थाने के उपनिरीक्षक गजेंद्र सिंह रंगे हाथों रिश्वत लेने के मामले ने नया मोड़ बता दें कि इस मामले में जिस परिवादी ने बासनी थाने के उपनिरीक्षक गजेंद्र सिंह को रंगे हाथों रिश्वत लेते गिरफ्तार करवाया उसके डंपर को थाना प्रभारी बोथरा ने ही पकड़ा था, लेकिन बाद में थाने में लाकर तेजाराम ने गजेंद्र सिंह से कहा कि इसे अपनी ओर से सीज बता दो. इसके बाद प्रभारी और हेड कांस्टेबल के इशारे पर गजेंद्र सिंह ने 50 हजार रुपए मांगे थे. जिसकी शिकायत परिवादी ने एसीबी में दर्ज करवाई और जिस पर गजेंद्र सिंह को 20 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया.
वहीं एसीबी ने जब इस मामले की पड़ताल की तो पता चला कि श्रवणराम के डंपर को जिस दिन पकड़ा गया था,उस जगह पर संजय बोथरा और तेजाराम के मोबाइल की लोकेशन और कॉल डिटैल भी मिले है. गिरफ्तारी के बाद गजेंद्र सिंह ने भी अपने बयानों में इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि हमेशा ऐसा ही होता था कि सीआई साहब और तेजाराम ही डंपर पकड़ कर लाते थे और कार्रवाई दूसरे अनुसंधान अधिकारी से करवाते थे. बाद में उनके मार्फत ही बंधी तय कर मामले रफा दफा कर देते थे.
शुक्रवार को बोथरा खुद सामने आए और कहा कि वे बीमार होने से ड्यूटी पर नहीं आए.इस दौरान उन्होंने एसीबी की जांच में सहयोग करने की भी बात कही. इधर एसीबी अब बोथरा के पूछताछ के लिए आने का इंतजार कर रही है, जिससे आवश्यकता होने पर गजेंद्र सिंह व संजय बोथरा को आमने बेठा कर पूछताछ कर सके. इसके अलावा अभी हेडकांस्टेबल तेजाराम भी फरार है. तीनों से शामिल पूछताछ के साथ ही एसीबी बोथरा व तेजाराम को गिरफ्तार भी कर सकती है.