भीलवाड़ा. वर्षा ऋतु प्रारंभ होने के साथ ही वन विभाग भीलवाड़ा जिले में अधिक से अधिक पौधे लगाने की तैयारी कर रहा है. इस वर्ष एक लाख 55 हजार पौधे लगाने का दावा कर रहे हैं. विभाग भले ही पौधे लगाने के बड़े-बड़े दावे करते हैं लेकिन बीते 5 वर्षों में भीलवाड़ा जिले में लगाए गए पौधे की समय पर देखभाल नहीं करने के कारण 40 प्रतिशत पौधे भी जीवित नहीं हैं. ऐसे में भीलवाड़ा वन विभाग जो इस बार पौधे लगाने का दावा कर रहा है उसकी कैसे समय पर देखभाल करेगा.
पौधे को लेकर पर्यावरणविद बाबूलाल जाजू ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा है कि राजस्थान में लोगों की धारणा है कि पूरे देश में राजस्थान को रेगिस्तान मानते हैं, वह गलत है. रेगिस्तान में अब हरियाली दिखने लगी है. वही जहां वन विभाग का सवाल है तो सरकार की नजर में वन विभाग विभाग नजर नहीं आता है. आजादी के समय राजस्थान में 13. 5 प्रतिशत वन हुआ करते थे. वर्तमान मे सरकार और वन विभाग की देखरेख नहीं होने के कारण वो 9.4 प्रतिशत रह गया.
वही वन क्षेत्र की सघनता की अगर बात करें तो पहले 0.8 प्रतिशत वन की सघनता थी. इस बार घटकर 0.2 प्रतिशत हो गई है. साथ ही लोगों में तो हरियाली बढ़ाने को लेकर चेतना जागी है जो की पौधे व टी गार्ड खरीद कर अधिक से अधिक पौधे लगा रहे हैं. जिससे हरियाली बढ़ रही है. जबकि जंगलों में वन विभाग की देखरेख न होने के कारण दर ब दर नुकसान होता जा रहा है. सरकार बड़े बड़े दावे करती है कि जंगल बढ़े हैं उनका दावा मिथ्या है.