इसी तरह का एक मामला प्रदेश की राजधानी जयपुर में 2 दिन पहले सामने आया है जिसमें स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 800 किलो दूषित पनीर पकड़ा था. जांच में पता चला कि यह पनीर अलवर के बड़ौदामेव कस्बे के एक कारखाने में बनकर आया है. इसकी सूचना मिलने के बाद अलवर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम ने रविवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 600 किलो दूषित पनीर को बरामद कर नष्ट कराया है. दोनों कारखाना संचालकों के खिलाफ पुलिस में लिखित शिकायत दी गई है और दोनों कारखानों को सीज करा दिया गया है.
अलवर बना मिलावट की मंडी, स्वास्थ्य विभाग ने 600 किलो दूषित पनीर को नष्ट किया
अलवर. जिला अब मिलावट खोरों की मंडी बन चुका है नकली तथा मिलावटी दूध, मावा, कलाकंद, पनीर और मिठाई प्रतिदिन जयपुर, दिल्ली, गुडगांव सहित आसपास के शहरों में सप्लाई होता है.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ओम प्रकाश मीणा के नेतृत्व में बड़ौदामेव कस्बे में संचालित गर्ग डेयरी पर सबसे पहले कार्रवाई की गई. जहां पनीर का सैंपल लेकर करीब 350 किलो दूषित पनीर को बरामद कर नष्ट कराया है. कुछ देर बाद ही स्वास्थ्य विभाग को सिंथेटिक दूध की सूचना मिली. इस पर टीम को एक टैंकर जाता हुआ दिखाई दिया. इस पर टीम ने उसका पीछा किया लेकिन स्वास्थ्य विभाग की टीम को देखकर टैंकर चालक टैंकर को लेकर भागने लगा तो करीब 15 किलोमीटर पीछा कर टैंकर को पुलिस के सहयोग से पकड़ा. उस टैंकर में करीब ढाई हजार लीटर दूध था. उस टैंकर को बड़ौदामेव पुलिस थाने लेकर आए जहां दूध का सैंपल लिया गया है.