भरतपुर. अभिजीत कुमार जाटव को कांग्रेस ने भरतपुर से अपना उम्मीदवार बनाया है. इस बात को लेकर क्षेत्र के नेता खुश नजर नहीं आ रहे हैं. उन लोगों का आरोप है कि अभिजीत को सिर्फ धनबल के आधार पर टिकट दिया गया है. कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं का नजरअंदाज किया है. कांग्रेस की ओर से टिकट वितरण से पहले खुद को प्रबल दावेदार बताने वाले अरविंद वर्मा ने शुक्रवारको यह आरोप लगाया था. वहीं जब आज अभिजीत भरतपुर पहुंचे तो उन्हें कार्यकर्ताओं की नाराजगी का भी सामना करना पड़ा. उनके स्वागत समारोह में कांग्रेसी कार्यकर्ता की संख्या लगभग ना के बराबर थी. इस बारे में जब अभिजीत से पूछा गया तो उनका जवाब था कि राहुल गांधी को हम प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं. कांग्रेस कार्यकर्ताओं में मेरे प्रति कोई रोष नहीं है. मुझ पर यह आरोप लगाया जाता है की बाहरी हूं जबकि में यहां पैदा हुआ. यहीं पढ़ाई की और विगत कई वर्षों से में सामाजिक क्षेत्र में कार्य कर रहा हूं. आज मेरे स्वागत समारोह में कांग्रेस कार्यकर्ता नहीं है लेकिन कल आप उनकी भीड़ देख लेंगे. विगत 2014 के लोक सभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी 2.64 लाख वोटों से हारे थे लेकिन इस बार हम भाजपा को सूद सहित हराएंगे. लोग और सोशल मीडिया पर मेरे पर घोटाले में फंसे होने की बात की जा रही है लेकिन यदि किसी के पास कोई तथ्य है तो मुझे बताये.
टिकट मिलने के बाद भरतपुर पहुंचे अभिजीत सिंह जाटव...स्वागत समारोह से कांग्रेस कार्यकर्ता रहे नदारद - Abhijit Kumar Jatav
टिकट मिलने के बाद पहली बार भरतपुर से कांग्रेस प्रत्याशी अभिजीत सिंह जाटव अपने क्षेत्र पहुंचे. लेकिन इस दौरान उनसे मिलने क्षेत्र के एक भी कांग्रेसी कार्यकर्ता नहीं पहुंचा.
आपको बता दें किराजस्थान के भरतपुर में टिकट मिलने के बाद आज पहली बार अपने घर पहुंचे कांग्रेस प्रत्याशी अभिजीत कुमार जाटव का स्वागत किया गया लेकिन वहां स्वागत समारोह में कांग्रेस कार्यकर्ता दिखाई नहीं दिए वहां सिर्फ प्रत्याशी के गांव वालों की भीड़ थी. गौरतलब है की टिकट मिलने के बाद अभिजीत कुमार का विरोध करने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता औरपदाधिकारी खुलकर सामने आये है जहां उन्होंने टिकट वितरण पर अपना विरोध दर्ज कराते हुए पार्टी आलाकमान से टिकट वितरण पर पुनर्विचार करने की अपील तक कर डाली है.
कांग्रेस प्रत्याशी अभिजीत कुमार जो भरतपुर के रूपवास थाना क्षेत्र के गांव नगला हीरापुर निवासी हैं. जिन्होंने 1983 में जयपुर के MNIT कॉलेज से बीटेक की फिर 1986 में अहमदाबाद से एमबीए किया और 1990 में भारतीय राजस्व सेवा ज्वाइन की. लेकिन अभिजीत ने स्टूडेंट लाइफ के दौरान ही जयपुर में 1981-82 में स्कूली छात्रों को मिलने वाले छात्रवृत्ति में अपने ममेरे भाई के साथ मिलकर घोटाला किया. जहां उनके खिलाफ मामला भी दर्ज हुआ था लेकिन इस मसले पर जब अभिजीत कुमार ने कहा की सोशल मीडिया सहित अन्य जगहों पर मुझे बदनाम करने की साजिश की जा रही है. यदि किसी पर इसके बारे में कोई तथ्य है तो वह मुझे दिखाए.