बूंदी.कोरोना के कारण मार्च से ही लंबे लॉकडाउन और फिर अनलॉक प्रतिबंध के चलते पटरी से उतरे बाजार को दिवाली की ग्राहकी से रोशनी की उम्मीद है. अब बाजारों में रौनक लौटने से दुकानदारों को लगता है कि लक्ष्मी उनके बिजनेस पर ग्राहक के टोटे से लगा लॉकडाउन अनलॉक कर देगी. उम्मीद के पीछे कुछ वजह भी है, लोग अब घरों से बाहर निकल रहे हैं और बेखौफ होकर खरीदारी कर रहे हैं. कई महीनों से बस जरूरत भर की चीजों की ही लोग खरीदारी कर रहे थे. लोग त्योहार मनाना तक भूल चुके थे. लेकिन उत्साह के साथ मनाए जाने वाले इन त्योहारों को शहरवासी ज्यादा दिनों तक खुद से अलग नहीं रख सकते.
व्यापारी लगा रहे अच्छे कारोबार की उम्मीद होली के बाद से ही उत्साह के रूप में अभी तक कोई उत्सव त्योहार लोगों ने नहीं मनाया. लेकिन इस साल दिवाली के त्योहार का रंग फीका न पड़े. इसको लेकर साल के अंतिम क्षणों में बचा दीपावली का पर्व उत्साह के साथ मनाने की होड़ चल पड़ी है, जिससे धीरे-धीरे काम धंधा पटरी पर लौटने लगा है और कारोबार चलने लगे हैं. लॉकडाउन के दौरान बाजारों में व्यापार न के बराबर हुआ. ऐसे में अब नवंबर और दिसंबर के सीजन में काफी शादियां होंगी.
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दिवाली से पहले खरीदारी के कई शुभ-मुहूर्त आ रहे हैं. ऐसे में लोग दिवाली की खरीदारी के साथ शादी की खरीदारी भी दीपावली पर ही कर रहे हैं. इस बार ज्यादातर दुकानदारों ने चाइनीज सामानों से दूरी बना रखी है. हालांकि पटाखे वाले जरूर इस बात पर प्रतिबंध से निराश हैं. कई छोटे-बड़े दुकानदार पटाखों की बिक्री से दो-तीन महीने का खर्च निकाल लेते थे. लेकिन इस बार यह आर्थिक मंदी इस साल की धनतेरस पर उबरने की उम्मीद है और सभी व्यापारिक संगठन इस बात पर टिके हुए हैं कि लोग मार्केट में निकलने लगे हैं. उनके व्यापार भी अच्छे चलेंगे और आने वाले धनतेरस से पहले खरीदारी शुरू हो जाएगी.
आखिर क्या है बूंदी के बाजारों की स्थिति...
कोरोना वायरस के चलते लंबे समय तक लगे लॉकडाउन के बाद खरीदारी सहित कई चीजों पर रोक लग गई थी. लोग खरीदारी करने से बचे रहे थे, केवल खान-पान की चीजों को ही इस्तेमाल करते रहे थे. लेकिन अब लोग खरीदारी करते हुए जा रहे हैं और आने वाले दिनों में मार्केट इसी तरह चला तो सभी सेक्टरों में सामान्य स्थिति हो जाएगी और लोग भरपूर तरीके से सामान्य दिनों की तरह खरीदारी करेंगे. इन दिनों बाजारों में व्यापारियों की कोई सी भी दुकान हो वहां ग्राहकों की भीड़ देखी जा सकती है और लोग अभी से ही खरीदारी में जुट गए हैं.
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संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष प्रेम प्रकाश एवरग्रीन का कहना है कि इस बार कोरोना को देखते हुए लगता नहीं कि व्यापार चल पाएगा और मार्केट ठप रहने के आसार हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि लॉकडाउन से अभी तक सभी व्यापार हर साल होने वाले मुनाफे की बजाए घाटे में गए हैं. जबकि शहर के अन्य दुकानदारों का कहना है कि इस बार शहर में चाइनीज सामानों को नहीं मंगवाया गया है और दीपावली के अवसर पर ऐसे सामग्री को बनवाया गया है, जो आत्मनिर्भर है और लोग उसे खरीदने में संकोच नहीं करेंगे. जबकि मोबाइल विक्रेताओं का कहना है कि बूंदी में इस बार मोबाइल का बिजनेस अच्छा रहने वाला है, लोगों ने अभी से ही अपने मोबाइलों को बुकिंग कराना शुरू कर दिया है और उम्मीद की जा सकती है कि धनतेरस आने तक सभी व्यवस्था माकूल हो जाएगी.
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जबकि ऑटोमोबाइल से जुड़े व्यवसाय निशांत नुवाल का कहना है कि इस बार दीपावली पर हमें उम्मीद है कि कार-बाइक और अन्य चीजें पिछले साल के मुकाबले इस साल दोगुना बिकेगी और खरीदार भरपूर आएंगे. क्योंकि लोगों ने अभी से ही बाइक्स और कारों की बुकिंग करवाना शुरू कर दिया है. जबकि सर्राफा एसोसिएशन के प्रवक्ता चिंतन कुमार कहते हैं कि दीपावली के लिए बाजार पूरी तरह तैयार हैं, ज्वेलरी में नई डिजाइन में आई है. सर्राफा व्यापारियों को अच्छी ग्राहकी की उम्मीद है. सोने में 24-25 हजार प्रति ग्राम तक की बढ़ोतरी हुई है. वहीं चांदी में 14 से 15 हजार की प्रति किलो वृदि हुई है. चांदी का 10 ग्राम का सिक्का पिछले साल 450 रुपए में मिल रहा था. इस बार 680 रुपए में मिल रहा है. धनतेरस और दीपावली पर सोना चांदी खरीदना शुभ माना जाता है. इसलिए उम्मीद की जा सकती है कि हमारा व्यापार अच्छा होगा.
बूंदी के बाजारों की स्थिति धनतेरस से पहले खरीदारी की दृष्टि से तीन मुहूर्त बन रहे हैं, जिन्हें मिनी धनतेरस के रूप में देखा जा सकता है. यह मुहूर्त बाजार की रौनक बढ़ाने में सर्वश्रेष्ठ साबित होंगे. खरीदारी की दृष्टि से माने तो 12 और 13 नवंबर को धनतेरस सहित खरीद के सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है. ऐसे में कहा जा सकता है कि इन शुभ-मुहूर्त पर बूंदी के बाजारों में अपार धन उमड़ेगा और जितने भी सेक्टर बचे हुए हैं. वहां पर इस साल में रही आर्थिक मंदी उबरकर आएगी. उम्मीद पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं और यह दिवाली व्यापार में उत्साह की दिवाली कही जा सकती है.