बूंदी. कुलदेवी आशापुरा माताजी ट्रस्ट की ओर से बून्दी के पर्यटन को विकसित करने के लिए वर्ष 2019 से लगातार प्रयास किया जा रहा है. राजपरिवार की संपत्तियों का सरंक्षण कर उन्हें पर्यटक स्थलों के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसके सुखद परिणाम भी सामने आने लगे हैं, लेकिन कुछ लोगों की ओर से तारागढ़ फोर्ट सहित राजपरिवार के पर्यटक स्थलों की छवि खराब करने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे देशी-विदेशी पर्यटक बून्दी आने से कतराने लगे हैं.
कुलदेवी आशापुरा माताजी ट्रस्ट के सदस्य व तारागढ़ फोर्ट प्रबन्धक जेपी शर्मा ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में गढ़ पैलेस के कई हिस्सों का जीर्णोद्धार करवाकर सौन्दर्यकरण के कार्य करवाए गए. पर्यटकों को बून्दी की ऐतिहासिक विरासतों से रूबरू करवाने के लिए क्षार बाग को भी सरंक्षण में लेकर देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए समर्पित कर दिया गया. भविष्य में भी राजपरिवार की अन्य संपत्तियों का जीर्णोद्धार करवाकर उन्हें पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा.
सोशल मीडिया पर किया जा रहा भाम्रक प्रचार :शर्मा ने बताया कि कुछ लपका ( अनाधिकृत गाइड ) गढ़ पैलेस के बाहर खड़े होकर देशी-विदेशी पर्यटकों को भ्रमित करते हुए गढ़ पैलेस और तारागढ़ पैलेस नहीं देखने के लिए प्रेरित करते हैं और सोशल मीडिया पर बून्दी के पर्यटक स्थलों के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणियां कर पर्यटकों को बून्दी भ्रमण पर नहीं लाने के लिए टयूर आपॅरेटर्स को कहते हैं, जिससे लगातार बूंदी का पर्यटन उद्योग घटता जा रहा है. विदेशी पर्यटक बूंदी आने से कतराने लगे हैं.
कुलदेवी आशापुरा माताजी ट्रस्ट फर्जी नहीं : शर्मा ने बताया कि दिवंगत महाराव रणजीत सिंह की मृत्यु के बाद राजपरिवार की संपत्तियों की देखरेख के लिए कुलदेवी आशापुरा माताजी ट्रस्ट बनाया गया था जो ही वर्तमान में राजपरिवार की संपत्तियों की देखरेख करते हुए उन्हे पर्यटक स्थलों के रूप में विकसित कर रहा है. उन्होने कहा कि न्यायालय में ट्रस्ट को लेकर वाद दाखिल है, जिस पर अभी सुनवाई चल रही है. ट्रस्ट के भविष्य को लेकर न्यायालय ने कोई फैसला अभी नहीं दिया है, लेकिन फिर भी कुछ लोगों की ओर से ट्रस्ट को फर्जी बताकर दूष्प्रचार किया जा रहा है. दुष्प्रचार से पर्यटन उद्योग प्रभावित हो रहा है. बूंदी घूमने वाले 80 प्रतिशत देशी-विदेशी पर्यटक तारागढ़ सहित गढ़ पैलेस विजिट जरूर करते हैं. ऐसे में गढ़ पैलेस के मुख्य द्वार पर खड़े रहकर कुछ असामाजिक तत्व पर्यटकों को भ्रमित करते हैं, जिस पर न तो जिला प्रशासन कोई कार्रवाई करता है और न ही पर्यटन विभाग. उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में 6000, वर्ष 2022 के दिसम्बर में 2700 देशी-विदेशी पर्यटक तारागढ़ व गढ़ पैलेस देखने आए, जबकि वर्ष 2023 में 1400 पर्यटकों ने ही गढ़ पैलेस को निहारा. इससे लगातार पर्यटकों का ग्राफ लगातार गिर रहा है.