बूंदी.प्रदेश के चौथे टाइगर रिजर्व रामगढ़ विषधारी सेंचुरी से खुशखबरी आई है. वहां की एकमात्र बाघिन 13 जुलाई को अपने तीन शावकों के साथ नजर आई है. वन विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी शेखर अग्रवाल ने शावकों और बाघिन का फोटो सोशल मीडिया पर शेयर कर यह खुशखबरी जाहिर की है.
2 से ढाई महीने के शावक : रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के डिप्टी कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट (DCF) संजीव शर्मा का कहना है कि बाघिन कैमरा ट्रैप में तीन शावकों के साथ नजर आई थी. वह वर्तमान में रामगढ़ महल के पीछे के एरिया में विचरण कर रही है. तीनों शावकों की उम्र दो से ढाई महीने के आस-पास है. रिजर्व के पूरे स्टाफ को एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं. बाघिन की भी पूरी मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए गए हैं.
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रणथंभौर से शिफ्ट की गई थी बाघिन : रामगढ़ विषधारी 1 साल पहले मई 2022 को टाइगर रिजर्व घोषित हुआ है. इसे जुलाई 2022 में बना दिया गया था और अधिकारियों की तैनाती हुई थी. इलाके में एक बाघ साल 2020 से ही रह रहा था, जबकि जिस बाघिन ने शावकों को जन्म दिया है, उसे जुलाई 2022 में ही रणथंभौर टाइगर रिजर्व से शिफ्ट किया गया था.
CM ने किया ट्वीट :मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए रामगढ़ विषधारी में नए मेहमानों के आने की खुशी जाहिर की. उन्होंने लिखा कि विश्व बाघ दिवस 29 जुलाई 2019 को बजट में रामगढ़ विषधारी बाघ अभ्यारण्य के लिए किए गए प्रस्ताव का सुखद परिणाम वन के नए मेहमानों के रूप में सामने आ गया है.
बाघिन मछली की संतान है आरवीटीआर की बाघिन :वन विभाग के अनुसार मछली के परिवार की टी-17 यानि सुंदरी ने 29 जून 2012 को तीन शावकों को जन्म दिया था. इनमें दो मेल और एक फीमेल शावक थीं. मादा शावक को वन विभाग की ओर से टी-73 नाम दिया गया था. बाघिन टी-102 बाघिन टी-73 की बेटी है. इस बाघिन टी-102 को आरवीटीआर शिफ्ट किया था, जिसकी उम्र करीब 9 साल है. बाघिन ने रणथंभौर में करीब डेढ़ साल पहले चार शावकों को जन्म दिया था. हालांकि बाद में एक शावक की मौत हो गई थी.
रणथंभौर में भी बाघिन दिखी शावकों के साथ : रणथंभौर नेशनल पार्क के वन क्षेत्र में मादा बाघिन टी 124 रिद्धि राजबाग महल के पास शनिवार को अपने तीन नवजात शावकों को मुंह से पकड़कर शिफ्ट करती हुई पहली बार नजर आई. बाघिन 124 रिद्धि ने दूसरी बार शावकों को जन्म दिया है. वन विभाग की ओर से बाघिन और शावकों की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है.