बूंदी. जिले के तालेड़ा इलाके में रहने वाले मजदूर शंकर लाल बेरवा की आंखों की रोशनी हर क्षण दम तोड़ती जा रही है. बूंदी, कोटा और नीमच के नेत्र चिकित्सकों ने आंखों की रोशनी बचाने की आखिरी उम्मीद के रूप में शंकर को तुरंत हैदराबाद जाकर इलाज कराने की सलाह दी है. लेकिन मजदूर शंकर पैसे के अभाव की वजह से हैदराबाद जाने में असमर्थ है. ना ही इलाज कराने के लिए रुपए उसके पास पैसे हैं. डॉक्टर ने कहा है कि 7 दिन के अंदर सही उपचार नहीं मिला तो दोनों आंखें खराब हो सकती है. शंकर के पास अब सिर्फ 2 दिन का समय बचा है लेकिन उन्हें किसी तरह की मदद नहीं मिली है.
शनिवार को बूंदी जिला कलेक्ट्रेट कंट्रोल रूम में समाजसेवी चर्मेश शर्मा के साथ पीड़ित शंकर लाल बैरवा ने ज्ञापन देते हुए मदद की गुहार लगाई हैय साथ ही जल्द से जल्द हैदराबाद रवाना करवाने की मांग की है. इसके साथ ही शहर के भामाशाहों से अपील की गई है कि वह इस मजदूर की मदद करें ताकि इलाज समय पर करवा सके.
मेरी आंखों को बचा लो साहब-
शंकर लाल बेरवा की कहानी बड़ी ही दर्द भरी है. ईटीवी भारत से बात करते हुए शंकरलाल की आंखें भर आई. शंकर कहते हैं कि मेरी आंखों को बचा लो साहब मेरे तीन छोटे बच्चे हैं. बेलदारी का काम करके अपने परिवार का पेट पालता हूं. एक आंख तो चली गई दूसरी आंख भी नहीं बची तो पूरा परिवार भूखा मर जाएगा. फिलहाल, शंकर की दूसरी संक्रमण तेजी से फैल रहा है.