बूंदी.जिले में कोरोना वैक्सीनेशन के लिए तैयारियां की जा रही है. आरंभिक चरण में हेल्थ केयर वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई जाएगी. कोरोना वैक्सीनेशन के लिए पंजीकरण अनिवार्य होगा. जिला कलेक्टर आशीष गुप्ता ने भारत सरकार की ओर से जारी जानकारी देते हुए बताया कि पंजीकरण के बाद ही सत्र स्थल और समय की जानकारी साझा की जाएगी. पात्र लाभार्थियों को उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर के माध्यम से वैक्सीनेशन और उसके निर्धारित समय के बारे में स्वास्थ्य सेवाओं की ओर से सूचित किया जाएगा.
पंजीकरण के समय फोटो के साथ नीचे उल्लेखित पहचान पत्र में से कुछ भी दिखाए जा सकते है. जैसे आधार, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी, पैन कार्ड,पासपोर्ट,जॉब कार्ड, पेंशन दस्तावेज, स्वास्थ्य मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी कार्ड (मनरेगा), सांसदों, विधायकों को जारी किए गए अधिकारिक प्रमाण पत्र, बैंक/पोस्ट ऑफिस की ओर से जारी पासबुक, केन्द्र/राज्य सरकारध्पब्लिक लिमिटेड कंपनियों की ओर से जारी सेवा आईडी कार्ड, फोटो आईडी पंजीकरण स्थल पर पंजीकरण और सत्यापन दोनों के लिए जरूरी है, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि इच्छित व्यक्ति को वैक्सीन लगाया गया है.
उन्होंने बताया कि ऑनलाइन पंजीकरण के बाद लाभार्थी को वैक्सीनेशन के नियम तिथि, स्थान और समय के बारे में अपने मोबाइल नंबर पर एसएसएस प्राप्त होगा. कोरोना वैक्सीन की उचित खुराक मिलने पर, लाभार्थी को अपने मोबाइल नंबर पर एसएमएस प्राप्त होगा. वैक्सीन की सभी खुराक देने के बाद, एक क्यूआर कोड-आधारित प्रमाण पत्र भी उनके नंबर पर भेजा जाएगा.
कोरोना वैक्सीन लेने के बाद आपको कम से कम आधे घंटे तक वैक्सीनेशन केंद्र में आराम करना चाहिए. यदि बाद में कोई असुविधा या बेचैनी महसूस होती है, तो निकटतम स्वास्थ्य अधिंकारियों, एएनएम, आशा को सूचित करें. कोरोना अनुरूप व्यवहारों का पालन याद रखें, जैसे कि मास्क पहनना, हाथ की सफाई और शारीरिक दूरी को बनाए रखना (6 फीट या दो गज). सुरक्षा सिद्ध होने पर ही कोरोना वैक्सीन का उपयोग किया जाएगा. जैसा कि अन्य वैक्सीन के साथ होता है कुछ व्यक्तियों में सामान्य दुष्प्रभाव, हल्का बुखार, दर्द आदि हो सकता है. किसी भी दुष्प्रभाव से निपटने के लिए व्यवस्था सुनिश्चित की जाएंगी.
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इस दौरान उन्होंने बताया कि मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर जैसी बीमारियों में से एक या एक से अधिक स्वास्थ्य परिस्थितियों वाले व्यक्तियों को एक उच्च जोखिम वाली श्रेणी माना जाता है. उन्हें कोरोना वैक्सीनेशन कराने की आवश्यकता है. प्रारंभिक चरण में सीमित वैक्सीन की आपूर्ति के कारण, इसे पहले प्राथमिकता वाले समूहों में लोगों को प्रदान किया जाएगा. बाद के चरणों में वैक्सीन अन्य सभी को उपलब्ध कराया जाएगा. वैक्सीनेशन पूरा करने के लिए 28 दिन के अंदर एक व्यक्ति की ओर से वैक्सीन की 2 खुराक ली जानी चाहिए. कोरोना वैक्सीन की दूसरी खुराक प्राप्त करने के दो सप्ताह बाद आमतौर पर एंटीबॉडी का सुरक्षात्मक स्तर विकसित होता है.
उन्होंने बताया कि कोरोना वैक्सीनेशन के लिए पहले समूह में हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर शामिल है. दूसरे समूह में 50 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति और वो लोग जो पहले से ही किसी रोग से ग्रसित हैं. इसके बाद वैक्सीन को अन्य सभी जरूरतमंदों को उपलब्ध कराया जाएगा. सुरक्षा और प्रभाव के डेटा की जांच के आधार पर मंजूरी के बाद ही नियामक निकायों की ओर से वैक्सीन लगाई जाएगी. कोरोना के लिए वैक्सीनेशन स्वैच्छिक है. हालांकि स्वयं की सुरक्षा और बीमारी के प्रसार को सीमित करने के लिए कोरोना वैक्सीन की पूरी खुराक आवश्यक है. पहले से संक्रमित होने के बावजूद वैक्सीन की पूरी खुराक लेना आवश्यक है क्योंकि ये एक मजबूत प्रतिक्रिया तंत्र विकसित करने में मदद करेगा.