राजस्थान

rajasthan

By

Published : Jul 15, 2019, 8:21 PM IST

ETV Bharat / state

आशा सहयोगनियों ने कहा बजट में हुआ भेदभाव, बूंदी कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन

बजट में आंगनबाड़ी आशा सहयोगिनियों के लिए मानदेय बढ़ाने की घोषणा नहीं किए जाने को लेकर प्रदेश भर की आशा सहयोगिनियों में आक्रोश है. इसको लेकर बूंदी में भी विरोध देखा गया. आशा सहयोगिनियों ने सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर बजट में मानदेय नहीं बढ़ाने का विरोध जताया.

आशा सहयोगनियों ने कहा बजट में हुआ भेदभाव

बूंदी. चिकित्सा विभाग में विकास के लिए आशा सहयोगिनियां रीढ़ की हड्डी होती है और सरकार ने आशाओं के अनुसार उनका मानदेय नहीं बढ़ाया है. जिसको लेकर सहयोगिनियों में सरकार के खिलाफ काफी आक्रोश व्याप्त है. बूंदी में आंगनबाड़ी आशा सहयोगिनियों ने सोमवार को रेखा पराशर के नेतृत्व में जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर बजट में मानदेय नहीं बढ़ाने का विरोध जताया.

आशा सहयोगनियों ने कहा बजट में हुआ भेदभाव

आशा सहयोगिनियों का राज्य और भारत सरकार की प्रभावी योजनाओं में बाल विकास परियोजना विभाग, चिकित्सा विभाग के माध्यम से क्रियान्वयन में अहम भूमिका होती है. इसके बावजूद आशा सहयोगनियों को 1850 रुपयों का वेतन दिया जाता है. जबकि गहलोत सरकार ने इस बजट सत्र मे 4050 मानदेय करने की घोषणा की थी लेकिन आशा सहयोगिनियों का आरोप है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है. इसके आदेश जारी नहीं हुए हैं यह हमारे साथ अन्याय हुआ है जबकि कांग्रेस ने वादा किया था.

बूंदी में आशा सहयोगिनियों ने प्रदर्शन करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है. यहां बजट में उनके के लिए कोई मानदेय बढ़ाने की घोषणा नहीं होने पर गहलोत सरकार पर जमकर आक्रोश फूटा है. उन्होंने सरकार को खसरा रूबेला टीकाकरण योजना जो 22 जुलाई से शुरू होने जा रही है उसकी बहिष्कार करने की चेतावनी दी है और कहा है की हम इतने सालों से अपने लिए संघर्ष करने के साथ-साथ आम जन के लिए भी कार्य कर रहे है जबकि हम सरकार की मूलभूत सुविधाओं को आमजन में पहुंचाने का कार्य करते है लेकिन हमारे साथ हर सरकार ने भेदभाव किया है.

आंगनबाड़ी आशा सहयोगिनियों ने सोमवार को रेखा पराशर के नेतृत्व में जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर बजट में मानदेय नहीं बढ़ाने का विरोध जताया. इस दौरान सहयोगिनियों ने मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपकर सभी का पदस्थापन कर राज्य कर्मचारी घोषित करने की मांग भी की.

ABOUT THE AUTHOR

...view details