बूंदी. बूंदी के डोबरा महादेव मंदिर के पुजारी की हत्या के मामले में शुक्रवार को पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया (Priest killer arrested by Bundi Police) है. तीनों आरोपी बूंदी के ही निवासी हैं और चारभुजा नाथ की मूर्ति को चुराने के उद्देश्य से पहुंचे थे. मूर्ति चुराते समय पुजारी विवेकानंद दीक्षित से चोरों का सामना हो गया और आपसी संघर्ष में उन्होंने पुजारी की नृशंस हत्या कर दी. इस दौरान आरोपियों को भी चोट लगी थी.
पुजारी की हत्या के मामले में कोई गवाह और सबूत पुलिस के पास नहीं था. तकनीकी साक्ष्य में भी पुलिस को कोई क्लू नहीं मिला. ऐसे में पुलिस ने परंपरागत तरीके से ही मौके पर मिली हथौड़ी व छीनी के जरिए घटनाक्रम का खुलासा किया है. एसपी यादव ने कहा कि वारदात ऐसी जगह पर हुई थी, जहां पर कोई मोबाइल टावर भी नहीं था. आसपास सीसीटीवी भी नहीं था. यह बिल्कुल ब्लाइंड हत्याकांड था. कोई चश्मदीद गवाह भी नहीं था. मौके पर एक हथौड़ी और छीनी मिली थी. जिससे भगवान चारभुजा नाथ की मूर्ति को तोड़कर आरोपी चुरा कर ले गए थे.
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जब छीनी-हथौड़े के खरीद केंद्र के बारे में पड़ताल की, तो सामने आया कि यह बूंदी से ही खरीदी गई. इसके बाद करीब 5 दिनों में 2 हजार से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों के फुटेज देखे. इनमें बूंदी, टोंक, अजमेर, सवाई माधोपुर, जयपुर व कोटा जिलों के जांच की है. इसके बाद ही आरोपी चिह्नित हुए हैं. जिसके बाद आरोपियों को अजमेर से पुलिस ने गिरफ्तार किया. घटना की गंभीरता को देखते हुए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम इसके लिए गठित की गई. जिसमें 9 थानों के एसएचओ और डीएसटी और साइबर सेल की टीम भी शामिल थी.