केशवरायपाटन(बूंदी).दुनियाभर में कोरोना महामारी हाई अलर्ट पर हैं. शासन से लेकर प्रशासन तक सड़कों पर है और गांवों-शहरों में महामारी से बचाव के लिए मुनादी करने में जुटा हुआ है. फिर भी लोग इससे बाज नहीं आते और नियमों की धज्जियां उड़ाते रहते हैं. गांवो में जागरूकता का अभाव होने से केशवरायपाटन उपखण्ड क्षेत्र के रोटेदा गांव निवासी कवि देवकी दर्पण भी पीएम मोदी, सीएम गहलोत की मुहिम को आमजन के हित में जमीनी स्तर तक पहुंचाने में अपना एक महत्वपूर्ण किरदार निभा रहे हैं.
राजस्थानी भाषा में कोरोना वायरस के लिए लिखी कविताओं से लोगों को जागरूक कर घरों में रहने की सलाह दे रहे हैं. जिसके शब्द कुछ यूं हैं...
कोरोना से बचाव के लिए कवि देवकी दर्पण 'रसराज' की कविता (पार्ट-1)
म्हारी बात सुणो दो टूक, करज्यो मती छणी सी चूक।
थोड़ी चूक देश दे फूक, थोड़ा दन घर मं रो मूक।
पैदा होबाई मत द्यो ,अब कोई केस नै।
हलमल बीरा जी बचाल्या भारत देश नै।। १।।
कोरोना से बचाव के लिए कवि देवकी दर्पण 'रसराज' की कविता (पार्ट-2) मोदी जी नतकै ई कहर्या,वै कहर्या ज्यूं ई म्हां रैर्या।
सुण नादान घणा छै बहर्या,पग जे लेर खुराड़ी धोर्या।
जाच करवाई क्यू नै थांका कमलेस नै।
चेतो बीरा जी बचाल्यो भारत देस नै।। २।।
से कवि देवकी दर्पण 'रसराज' कोरोना वायरस पर राजस्थानी भाषा मे काव्य पाठ कर सोशल मीडिया के जरिये लोगों को जागरूक कर रहे हैं. जो लोगों के लिए काफी चर्चा का विषय बना हुआ है. देश का हर नागरिक कोरोना को लेकर और लोगों को सजग करने में जुटा है. वहीं बच्चे अपने छोटे-छोटे वीडियो और सामाजिक कार्यकर्ता अपने प्रयास से इस संकट की घड़ी में सरकार की हिम्मत बढ़ाने के लिए साथ खड़े हैं, लेकिन इनके साथ हम सब की जिम्मेदारी भी बनती है की हम सभी इस कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए हर उस एडवाइजरी की पालना करें, जो सरकार की तरफ से की जा रही है. जब ही हम इस कोरोना को हरा पाएंगे.