हिंडौली (बूंदी). एक ओर सरकार दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कई योजनाएं लागू कर रही है. वहीं दुसरी ओर बूंदी जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों में पड़ने वाला गुलाबपुरा-उनियारा राष्ट्रीय राजमार्ग 148 डी मौत का हाईवे बनता जा रहा है.
इस हाईवे पर करीब 140 किलोमीटर की दूरी में कहीं पर भी दुर्घटना में घायल हुये लोगों के इलाज की सुविधाएं नहीं है. जिससे कई घायलों को समय पर इलाज नहीं मिलने से जान से हाथ धोना पड़ा है.
क्षेत्र के लोग कई बार धरना प्रदर्शन कर राष्ट्रीय राजमार्ग 148डी पर ट्रॉमा सेंटर खोलने की मांग करते आ रहे हैं. लोगों ने भी ट्रॉमा सेंटर के लिए कई बार राज्य और केन्द्र सरकार को पत्र भेजकर अवगत करवाया, लेकिन 2019 के बजट में राज्य सरकार ने ट्रोमा सेन्टर की घोषणा कर मामले को ठंडा कर दिया.
एक वर्ष में भी ट्रॉमा सेंटर की घोषणा नहीं होने पर लोगों ने एक बार सरकार को पत्र भेजकर बजट में की गई ट्रॉमा सेंटर खोलने की घोषणा को पूरा करने की मांग की है.
हाईवे के घटिया निर्माण सहित कई खामियों की वजह से अनेक लोग रोजाना दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं. चौकाने वाले आंकड़े बताते हैं कि राष्ट्रीय राजमार्ग 148 डी के उनियारा से जहाजपुर के बीच 140 किलोमीटर की लंबी दूरी के बीच कही भी ट्रॉमा सेंटर तो होना दूर की बात एक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तक नहीं है.
दुर्घटना में घायलों को आधुनिक चिकित्सा मिलने का एक मात्र विकल्प जिला अस्पताल बूंदी ही है. जिससे वहां तक पहुंचने में कई घायलों की जान चली गई है.
यदि राष्ट्रीय राजमार्ग 148 डी उनियारा से जहाजपुर की 140 किलोमीटर की दूरी के बिल्कुल मध्य में हाईवे के किनारे हिंडौली या नैनवां मे ट्रॉमा सेंटर बन जाता है तो दुर्घटना में घायल लोगों के लिए वरदान साबित होगा.
तीन मुख्य विधानसभा क्षेत्र उनियारा, हिंडौली और जहाजपुर से होकर निकल रहे राष्ट्रीय राजमार्ग 148 डी पर 140 किलोमीटर की दुरी के बीच हाईवे पर एक मात्र नजदीक अस्तपताल जजावर में बना हुआ है. जहां भी केवल दिन के समय ही घायलों को प्राथमिक उपचार मिलता है.