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स्पेशल रिपोर्ट: बूंदी में कैनवास पर उतरी प्रदेश भर के चित्रकारों की कल्पनाएं, जान फूंकने में लगे कूंचीकार

कहीं प्रकृति के वर्षा कालीन दृश्य तो कहीं राधा कृष्ण का प्रेम, कहीं हाथियों पर सवार राजा तो कहीं अठखेलियां करती रानियां और सखियां. हम बात कर रहे हैं बूंदी शैली कार्यशाला की, जिसमें भाग ले रहे कलाकार ने अपनी इन्हीं कल्पनाओं कैनवास पर उतार लिया है. अब ये चित्रकार उनकी बारीकियों को बांधने में जुटे हैं, ताकि इन चित्रों में जान फूंकी जा सके.

बूंदी चित्रशैली कार्यशाला, Bundi painting workshop, कैनवास पर उतारी कल्पनाएं, fantasies on canvas

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Published : Nov 5, 2019, 2:23 PM IST

बूंदी.जिले में बूंदी चित्रशाला का आयोजन बूंदी उत्सव 2019 की श्रृंखला में पुलिस ऑडिटोरियम में किया जा रहा है. यह कार्यशाला करीब 1 सप्ताह तक चलेगी. बता दें कि 15 नवंबर को बूंदी उत्सव का आयोजन किया जाएगा. जिसे देखने के लिए देश प्रदेश से पर्यटक आते हैं.

चित्रशैली में जुटे राज्यभर के चित्रकार

बूंदी में चल रही मिनिएचर पेंटिंग कार्यशाला

बता दें कि सोमवार को बूंदी चित्रशैली कार्यशाला में जिला कलेक्टर रुकमणी रियार और पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता पहुंची और कलाकारों से रूबरू हुईं. यही नहीं सभी चित्रकारों को कला में मगन देख दोनों अधिकारी अपने आप को रोक नहीं पाईं और कागज पर चित्र करने की अपनी इच्छा को पूरा किया. उन्होंने चित्रकारों की चित्रशैली और उनके विषय पर इत्यादि के बारे में विस्तार से चर्चा की और उनका हौसला अफजाई की.

कैनवास पर उतारी कला

बूंदी चित्रशैली कार्यशाला में भाग ले रहे कलाकारों ने अपनी कला कैनवास पर उतार दी है, अब वे उनकी बारीकियों को बांधने में जुटे हैं ताकि इन चित्रों में जान फूंकी जा सके. बता दें कि कार्यशाला में बाहर से 18 चित्रकार और बूंदी ब्रश से जुड़े चित्रकार चित्रकारी कर रहे हैं. कार्यशाला में बनाए गए बूंदी शैली के अनुरूप विषय पर विधिवत से युक्त है.

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चित्रकला के विषय और परिवेश में भी अधिकाधिक बूंदी का समावेश

बता दें कि बाहर से आए कलाकारों ने भी बूंदी चित्र शैली में चित्रण किया है. साथ ही चित्रकला के विषय और परिवेश में भी अधिकाधिक बूंदी का समावेश करके इस समागम के उद्देश्य के प्रति ईमानदारी बरती है. चित्रकार भैरू सिंह सोलंकी ने हाथियों पर सवार राजा, महल के झरोखों से रानियों-सखियों द्वारा रंग गुलाल से होली का दृश्य जीवंत कर रहे हैं. वहीं चित्रकार राजाराम मेघ मल्हार ने प्रकृति के वर्षाकालीन दृश्य और राधा कृष्ण के प्रेम को अपनी चित्रकारी का विषय बनाया है. बूंदी ब्रश के अध्यक्ष सुनील जागिड़ ने कृष्ण और इसके माधुर्य में डूबे वातावरण को चरितार्थ किया है. इनके साथ अनेकों कलाकार विविध व्यंजना का समावेश करके अपने चित्रकान को अंतिम रूप दे रहे हैं.

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उल्लेखनीय है कि बूंदी चित्र शैली की चित्रशाला का आयोजन जिला कलेक्टर रुकमणि रियार की पहल से बूंदी उत्सव 2019 की श्रृंखला में बूंदी के पुलिस ऑडिटोरियम में किया जा रहा है. जिसमें प्रदेशभर से 18 ख्यातनाम चित्रकार बूंदी चित्र शैली में चित्रकारी कर रहे हैं. यह आयोजन बूंदी ब्रश के सहयोग से किया जा रहा है. यही नहीं चित्रकला में रुचि रखने वाले विद्यार्थी भी चित्रकारों का सानिध्य पाकर लाभान्वित हो रहे हैं. यह कार्यशाला 6 नवंबर तक चलेगी. उसके बाद उत्कृष्ट कार्य करने वाले चित्रकार को सम्मानित किया जाएगा.

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