बूंदी. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला शनिवार को केशवरायपाटन विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर रहे. बिरला दोपहर करीब 3:30 बजे हेलीकॉप्टर से केशवरायपाटन कृषि उपज मंडी में पहुंचे, जहां से वे शहर की श्रीराम धर्मशाला में बीते दिनों मकान की छत गिरने से काल का ग्रास बने एक ही परिवार के 7 सदस्यों के परिजनों से मिले और उन्हें सांत्वना दी. इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष अडीला गांव में पहुंचे, जहां उन्होंने पूर्व विधायक मांगीलाल मेघवाल के निधन पर शोक जताया.
बिरला देर शाम करीब 5:30 बजे रोटेदा पहुंचे, जहां ग्राम सेवा सहकारी समिति में ग्रामीणों की समस्याएं सुनी. इस दौरान ग्रामीणों ने पंचायत मुख्यालय पर श्मशान घाट बनाने, उप स्वास्थ्य केंद्र को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में क्रमोन्नत करने, स्टेट हाईवे 37 ए में रोटेदा मंडावरा के बीच बाधक बन रहे चंबल घड़ियाल अभ्यारण से मुक्ति दिलवाने की मांग की. साथ ही अतिवृष्टि से हुए फसल खराबे और क्षतिग्रस्त घरों का उचित मुआवजा देने की मांग रखी.
ओम बिरला केशवरायपाटन दौरे पर यह भी पढ़ें.SPECIAL : हाड़ौती में फसल पर मौसम की मार...पहले मानसून आने में हुई देरी, अब अतिवृष्टि ने तोड़ी किसानों की कमर
लोकसभा अध्यक्ष और सांसद ओम बिरला ने कहा कि लोगों की जान बचाना, पीड़ितों को राहत पहुंचाना, जरूरतमंदों की मदद करना और क्षेत्र का चहुंमुखी विकास ही पहली प्राथमिकता हैं. किसानों को उनके फसल खराबे का मुआवजा मिलेगा. बेघर हुए परिवारों को योजनाओं के तहत आवास दिए जाएंगे, जो योजना से वंचित रहेगा. उन्हें जन सहयोग से मकान बनाकर दिए जाएंगे. आपदा से निपटने के लिए संबधित मंत्रियों, मुख्यमंत्री से बात की है और अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं.
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बारिश से किसानों की बर्बाद हुई फसलों को अपनी सरसरी निगाह से देखा और प्रभावितों को उचित मुआवजा दिलाने, मकान ढहने से बेघर हुए परिवारों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया. उन्होंने कहा कि गुजरे दो साल से देश वैश्विक महामारी कोरोना से जंग लड़ रहा था और महामारी से निपटने के लिए सरकार की गाइडलाइन के अंतर्गत में मेरे संसदीय क्षेत्र के लोगों से नहीं मिल सका. इसका मुझे हमेशा मलाल रहेगा.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सांगोद पहुंचे. इस मौके पत्रकारों से रूबरू होते हुए बिरला ने कहा कि हाड़ौती संभाग में तेज बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति आई है. जिसके कारण कई गांवों की फसले पूरी नष्ट हो गई है. कस्बों और गावों में कच्चे मकान गिर गए और कई कस्बों में पानी भर गया. इसके लिए केंद्रीय गृह सचिव और राज्य के गृह सचिव, मुख्यमंत्री के सचिव सबसे बात की है कि संपूर्ण आपदा के तहत जिन किसानों का नुकसान हुआ है, जिनके मकान गिरे हैं, उनका सर्वे कराया जाए.