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राजस्थान रोडवेज में नहीं बन रहे MST कार्ड, बूंदी में 1500 यात्री परेशान

एमएमटी कार्ड यानी मंथली पास रियायती दर पर यात्रियों को बस सेवा उपलब्ध करवाता है. लेकिन पिछले 15 दिनों से राजस्थान रोडवेज में एमएसटी कार्ड नहीं बन पा रहे है. ऐसे में 1500 यात्रियों को अतिरिक्त शुल्क देकर यात्रा करना पड़ रहा है.

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Published : Jun 17, 2019, 8:33 PM IST

राजस्थान रोडवेज में नही बन पा रहे है एमएसटी कार्ड

बूंदी. राजस्थान रोडवेज में 15 दिनों से एमएसटी कार्ड नहीं बन पा रहे हैं. ऐसे में 1500 यात्री परेशान हो रहे है. राज्य स्तर पर नई कंपनी का ठेका हो जाने के बाद भी अभी तक भी एमएसटी कार्ड नहीं बने हैं और जो एमएसटी कार्ड है वह नई मशीन में सपोर्ट नहीं कर पा रहे हैं.

जानकारी के अनुसार नई मशीन आने के बाद पुराने कार्ड सपोर्ट नहीं कर पा रहे हैं. कार्ड वहीं रहेंगे लेकिन जो ईटीएम मशीन है वह अपग्रेड होनी है लेकिन रोडवेज प्रबंधक जयपुर द्वारा अभी तक इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की है जिससे राजस्थान रोडवेज में सवार होने वाले एमएसटी कार्ड धारियों को समय पर रिचार्ज नहीं होने के चलते ज्यादा भुगतान देकर बसों में जाना पड़ा है.

राजस्थान रोडवेज में नही बन पा रहे है एमएसटी कार्ड

एमएमटी कार्ड रियायती दर पर यात्रियों को बस सेवा उपलब्ध करवाता है. यात्री डेली अप डाउन करने वालों के लिए एमएमटी कार्ड बनते हैं . यहां पर करीब 75% ही रुपये एमएसटी कार्ड में यात्रियों को देने पड़ते हैं जबकि अन्य यात्रियों को पूरे 100% रुपये किराया बस में देना पड़ता हैं लेकिन अब एमएसटी कार्ड नहीं बनने के चलते उन्हें पूरे सौ प्रतिशत किराया देना यात्रियों पड़ रहा है. पूरे प्रदेश मे हाल ऐसा ही है.

राज्य में राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की बसों में यात्रियों को टिकट बनाने के लिए एंड्राइड मोबाइल की तर्ज पर नई इलेक्ट्रॉनिक टिकट मशीन (ईटीएम) शुरू होने के साथ ही नए सॉफ्टवेयर को अपडेट का काम भी शुरू कर दिया है जिससे एमएसटी कार्ड धारियों के 1 जून से ना तो रिकार्ड रिचार्ज हो रहे हैं ना ही ने कार्ड बन रहे हैं. करीब 15 दिन से 33 जिलों के रोडवेज डिपो पर एमएसटी कार्ड रिचार्ज नहीं होने का कार्य ठप पड़ा है. डिपो में इन दिनों ने स्टीम लगाने और सॉफ्टवेयर अपडेशन का कार्य चल रहा है ऐसे में जिन एमएसटी कार्ड धारियों का 30 मई को रिचार्ज खत्म हो गया था वह 1 जून से किराया देकर अपने गंतव्य स्थान पर पहुंच रहे हैं.

बूंदी डिपो की बात की जाए तो बूंदी डिपो में करीब 15 सौ से अधिक मासिक पास से यात्रा करते है. इधर नई ईटीएम मशीनें भी परिचालकों के लिए परेशानी का सबब बन रही है. बिना प्रशिक्षण की मशीनें दिए जाने के बाद परिचालकों को टिकट काटने में परेशानी आ रही है पहले कीपैड मशीन हुआ करती थी लेकिन अब पूरे प्रदेश में नई ईटीएम मशीन आने के बाद टचपैड मशीन है. जिससे परेशानी उठानी पड़ रही है.

रोडवेज सूत्रों ने बताया कि ईटीएम मशीन टच स्क्रीन है जिससे मशीने हैंग नहीं होगी और मशीनें ऑनलाइन वाईफाई से कनेक्ट रहेगी. इससे मशीन का पूरा डाटा ऑनलाइन सेव रहेगा. इसमें परिचालक और चालक द्वारा हमेशा टिकट में गफलत की बात सामने आती थी और कई बार यात्रियों की बीच झगड़ा भी हो जाता था और कुछ सबूत नहीं रह पाता था लेकिन अब प्रदेश में इन मशीनों को दिया गया है जिनमें ऑनलाइन सेवा रहेगी लोडिंग व अपलोडिंग का कार्य डिपो स्तर पर होगा. प्रदेश में सॉफ्टवेयर अपडेशन का कार्य चल रहा है.

बूंदी से कोटा अप डाउन करने वाले एमएसटी कार्ड धारी लोगों ने बताया कि 1 जून से बूंदी और कोटा डिपो के एमएसटी कार्ड रिचार्ज काउंटर पर सॉफ्टवेयर अपडेशन होने के कारण बंद पड़ा है. संबंधित अधिकारियों ने बताया कि राज्य में सॉफ्टवेयर अपडेट का कार्य चल रहा है जिसके चलते एमएसटी का रिचार्ज नहीं हो पा रहे हैं. जैसे कार्य शुरू होगा तो एमएसटी कार्ड जारी दिए जाएंगे. यात्रियों का कहना है कि नई ईटीएम मशीन देने से पहले इन एमएसटी कार्ड को अपडेट कर दिया जाता और इस को अपडेट करने के बाद ईटीएम मशीन को परिचालकों को दिया जाता तो आज यह परेशानी नहीं होती.

बूंदी रोडवेज मैनेजर घनश्याम शर्मा ने बताया कि प्रदेश स्तर पर नई कंपनी को ठेका देने से सॉफ्टवेयर अपडेशन का काम चल रहा है. सॉफ्टवेयर जल्दी अपडेट होगा. कंपनी और उच्च अधिकारियों के बीच बातचीत हो रही है. एक-दो दिन में एमएसटी कार्ड शुरू हो जाएंगे. अब देखना होगा कि इस मामले में कब तक परेशानी उठानी पड़ेगी .

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