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बूंदी: कार्तिक पूर्णिमा में भक्तों ने चर्मण्यवती नदी में लगाई श्रद्धा की डुबकी

बूंदी के केशोरायपाटन में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मंगलवार को  महा स्नान का आयोजन हुआ.  जिसमें चर्मण्यवती नदी में भक्तों ने श्रद्धा की डुबकी लगाई. वहीं  शाम तक लाखों की संख्या में भक्तों ने भगवान केशवराय महाराज के दर्शन किए.

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Published : Nov 13, 2019, 2:22 AM IST

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बूंदी.जिले में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर केशोरायपाटन में श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था की डुबकी लगाकर स्नान किया. इस दौरान तकरीबन दो लाख के ऊपर श्रद्धालुओं ने केशव नगरी में चंबल नदी के घाट पर आस्था की डुबकी लगाई.

चर्मण्वती नदी में भक्तों ने लगाई श्रद्धा की डुबकी.

घाट पर त्रिवेणी संगम:
आपको बता दें कि केशोरायपाटन में चंबल नदी के घाट पर त्रिवेणी संगम होता है ऐसे में लोग कार्तिक पूर्णिमा पर हर वर्ष केशोरायपाटन में पहुंचकर चर्मण्यवती नदी में आस्था की डुबकी लगाते हैं. इस दौरान मंदिर और घाटों पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिलती है.

15 दिवसीय कार्तिक मेला:
केशोरायपाटन नगर पालिका की ओर से लगने वाले 15 दिवसीय कार्तिक मेले का वृंदावन की अंतरराष्ट्रीय रसाचार्य छोटे ठाकुर की कला मंडली के मंचन के साथ शुभारंभ किया गया. महास्नान में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं ने केशव रंगमंच पर आयोजित रासलीला का देर रात तक लुप्त भी उठाया.

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मंदिर के पट खुले रहते:
कार्तिक मास में पूर्णिमा पर स्नान कर विष्णु अवतार भगवान श्री कृष्ण के दर्शनों का शास्त्रों में विशेष महत्त्व होने पर देश भर में श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगाने आते हैं. कार्तिक पूर्णिमा और पढ़ावा पर भगवान केशवराय मंदिर के पट दिन भर खुले रहते है.

मेले की सुरक्षा के लिए पुलिस तैनात:
मंदिर पुजारी दुर्गालाल शर्मा ने बताया कि भगवान को रत्नजड़ित श्रृंगार कराया जाता है और यह परंपरा रियासत कालीन से चली आ रही है. महा स्नान में एक से 2 लाख श्रद्धालु के आने के अनुमान को लेकर प्रशासन और मेला प्रबंधक जुटा रहता है. इस दौरान पुलिस ने भी मंदिर परिसर की व्यवस्था का जायजा लिया. वहीं सीसीटीवी से मेले रप नजर रखी जा राह है.

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महिला घाट पर कठोर सुरक्षा:
महिला घाट पर महिला पुलिसकर्मियों को इस बार लगाया गया है,यही नहीं महास्नान को देखते हुए सुरक्षा में 300 पुलिस के जवान , होमगार्ड तथा 10 थानों की पुलिस को लगाया गया है. वहीं केशोरायपाटन चंबल घाट से दूसरी तरफ कोटा के रंगपुर गांव से आने वाले श्रद्धालुओं को देखते हुए प्रशासन ने नाव का इंतजाम भी करवाया है.

केशव भगवान की भव्य प्रतिमा प्रतिष्ठित :
चंबल नदी के तट पर बने केशोरायपाटन भगवान के मंदिर में केशव भगवान की भव्य प्रतिमा प्रतिष्ठित है. वहीं प्रथम भाग में चारभुजा की मूर्ति है. ऐसी कहावत है कि महर्षि परशराम जी ने पृथ्वी से 21 शरश्मेयो का विनाश करने के पश्चात इस भूमि पर कठोर तपस्या और यज्ञ किए थे. वहीं पांडव की गुफा , उनके द्वारा स्थापित पंच शिवलिंग, हनुमान जी मंदिर ,अंजनी मंदिर ,यज्ञ साला ,विराह मंदिर इस पावन भूमि के अन्य पवित्र स्थल है.

धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण :
इस पवित्र स्थल के मध्य श्रद्धालु की रंग बिरंगी छटा ,आपाधापी और महत्वपूर्ण आस्था तक कुल मिलाकर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर केशोरायपाटन की मनमोहक छटा ना केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके साथ परंपरा की मर्यादा भी जुड़ी हुई है.

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