बूंदी.शहर में सड़कों पर विचरण करने वाले गोवंशों को रखने के लिए जिस काइन हाउस का निर्माण होना था, वो कुछ वर्षों से 2 विभागों के बीच फुटबॉल बना हुआ है. हालत यह है कि नगर परिषद को इसका निर्माण करवाना था, लेकिन नगर परिषद के अधिकारी उस भूमि का दोबारा सीमा ज्ञान करवाने की बात पर अड़े बैठे हैं. जबकि उक्त भूमि तत्कालीन जिला कलेक्टर के आदेश पर ही तहसील प्रशासन ने नगर परिषद को आवंटित कर कब्जा में दे दिया था.
दो विभागों के बीच फुटबॉल बना काइन हाउस नगर परिषद प्रशासन ने काइन हाउस के लिए भूमि उपलब्ध करवाने का आग्रह जिला कलेक्टर से किया था. जिला कलेक्टर ने तहसील प्रशासन को निर्देश देकर मालन मासी बालाजी रोड स्थित दो बीघा 10 बिस्वा सिवायचक भूमि नगर परिषद को आवंटित कर कब्जा संभालाने के निर्देश दिए थे. तहसील प्रशासन ने नगर परिषद को कब्जा संभला भी दिया था इसके बावजूद भी नगर परिषद प्रशासन बार-बार भूमि का फिर से सीमा ज्ञान करवाने की बात कह कर कायन हाउस निर्माण में अड़चन पैदा कर रहा है.
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काइन हाउस की चारदीवारी के लिए स्थानीय विधायक अशोक डोगरा भी अपने विधायक कोष से 5 लाख रुपए की स्वीकृति दे चुके हैं. शहर में काइन हाउस निर्माण के मामले में नगर परिषद के करीब 30 पार्षद पहले ही अपनी समिति भी दे चुके हैं, फिर भी हालत जस की तस बनी हुई है.
आवंटित भूमि पर छात्रावास जता रहा है हक
आवंटित भूमि पर छात्रावास जता रहा है हक जिस जगह पर काइन हाउस अलॉट किया गया है, वो कृषि विभाग की भूमि थी. जहां कृषि विभाग ने छात्रावास को इस भूमि के आवंटन की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए आदेश दिए थे. इस पर केवल डीपीआर राशि ही छात्रावास ने जमा करवाई थी. ऐसे में तत्कालीन जिला कलेक्टर ने वर्ष 2017 में शहर के हड्डीपुरा गांव स्थित 40 बीघा भूमि और शहर के मालन मासी बालाजी रोड पर 2 बीघा भूमि का आवंटन किया था. कलेक्टर ने नगर परिषद को इस भूमि का कब्जा संभालने के लिए आदेश जारी किए थे.
सड़कों पर घूम रहे गोवंश बन रहे हादसों का कारण लोग कर रहे काइन हाउस निर्माण की मांग
शहर के लोगों ने मांग की है कि जल्द से जल्द प्रशासन काइन हाउस की भूमि से कब्जा हटवाए और वहां पर काइन हाउस का निर्माण हो. इस मामले में उपखण्ड अधिकारी कमल कुमार मीणा का कहना है कि छात्रावास और शहरवासी उनसे मिले थे. इस मामले में दोनों के डॉक्यूमेंट भी देखे हैं. जिला कलेक्टर ने काइन हाउस के अलॉटमेंट के आदेश भी जारी किए हुए हैं. वहीं छात्रावास के लोग जमीन के भुगतान के रसीदें हमें उपलब्ध करवा रहे हैं. दोनों अपना अपना कब्जा यहां जता रहे हैं. इस मामले में जांच की जा रही है और जल्द ही इस में निर्णय लिया जाएगा. शहर को गोवंश से मुक्त करवाकर का इन हाउस में शिफ्ट करवाया जाएगा.