बूंदी. जिले के नैनवां ओर उसके आस-पास के गांवों से रोजगार के लिए इराक गये लोगों को कम्पनी ने बंधक बना लिया हैं. इनमें से एक युवक ने अपने नैनवां निवासी मित्र को फोन करके व्यथा बताई और विदेश मंत्रालय के नाम पत्र भी वॉट्सअप पर भेजा है.
जानकारी के अनुसार नैनवां निवासी राजेन्द्र ने बताया कि टोंक जिले के ग्राम कनवाड़ा का निवासी उनका मित्र लक्ष्मण बैरवा 12 फरवरी 2019 को फ्लाइट से रोजगार के लिए इराक गया था. उसके साथ नैनवां क्षेत्र के ग्राम धानु के निवासी उसके मामा बाबू लाल और महेंद्र कुमार, नैनवां निवासी चाचा विनोद और विनोद नाम का ही एक अन्य युवक और नैनवां क्षेत्र के 4-5 और भी लोग इराक गए. ये सभी इराक के बगदाद के नजफ क्षेत्र की कंपनी में काम कर रहे थे, लेकिन कुछ दिन पहले लक्ष्मण ने फोन करके उन्हें बताया कि कंपनी में काम कर रहे 40 भारतीय नागरिकों को कंपनी दो माह से वेतन नहीं दे रही है, और जब वेतन की मांग करते हैं तो कंपनी के लोग कहते हैं बगैर वेतन के काम करते रहो.
भारतीयों ने कहा कि वे रोजगार के लिए ही यहां आए हैं, यदि वेतन नहीं मिलेगा तो घर खर्च के लिए रुपए कैसे भेजेंगे. उनकी बात पर कंपनी के अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया. जब उन्होंने वेतन के लिए दबाव बनाया और हड़ताल पर बैठने की चेतावनी दी तो उनके साथ मारपीट की गई. 2 दिन से उन्हें खाना भी नहीं दिया जा रहा है, उनको कंपनी से बाहर भी नहीं जाने दिया जाता एक तरह से बंधक बनाकर रखा हुआ है.