बूंदी. पिछले चार साल से सऊदी अरब में फंसा हाफिज (bundi man trapped in Saudi Arabia) जब मंगलवार को वतन लौटा. परिजनों की पहली झलक देख आंखों से आंसू छलक पड़े. लंबे इंतजार के बाद हाफिज को अपने बीच पाकर परिजन फूले नहीं समां रहे थे.
हाफिज मंगलवार को कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा के साथ जयपुर एयरपोर्ट से बूंदी पहुंचा. हफीज ने बताया कि वह वह 2017 में रोजगार के लिए विदेश गया था. जिस कंपनी में काम करता था वह कुछ माह बाद ही देश छोड़कर भाग गई. कंपनी ने देश छोड़कर भागने से पहले उसका सऊदी अरब में रहने का वैध दस्तावेज इकामा भी रिनीवल नहीं करवाया. इकामा समाप्त होने से मजबूरी में वह सऊदी अरब में अवैध नागरिक बन गया. सऊदी नियमों के हिसाब से किसी भी विदेशी नागरिक का वहां इकामा समाप्त होने पर प्रतिवर्ष दस हजार रियाल भारतीय मुद्रा में लगभग दो लाख रुपये हर्जाना भरना पड़ता है. एक वर्ष का हर्जाना समय पर नहीं भरा तो 500 रियाल(दस हजार रुपये) अतिरिक्त पेनल्टी लगती है. हाफिज ने बताया कि उसके चार वर्ष की अवधि के इकामा व पेनल्टी के नौ लाख रुपये हो गये थे. हालत यह हो गए कि उसके पास न कभी 9 लाख रुपये हो पाते और न ही वह कभी भारत लौट पाता.
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उम्मीद छोड़ दी थी कि लौट पाऊंगा
हफीज ने कहा कि उसके लिए 9 लाख रुपये तो बहुत दूर की बात है एक लाख रूपये भी जमा करवाना संभव नहीं था. वीजा रिनीवल करवाने की जिम्मेदारी कंपनी की होती है लेकिन कंपनी के देश छोड़कर भागने के बाद सब रास्ते बंद हो गए थे. एक समय तो ऐसा आया कि उम्मीद छोड़ दी थी कि अब कभी इतने रुपयों की व्यवस्था कर देश लौट पाऊंगा.
अंधेरे में रोशनी बनकर आये चर्मेश
हफीज ने कहा कि जब उसे भारत लौटने का कोई रास्ता नहीं दिख रहा था तभी उसे किसी ने चर्मेश शर्मा के बारे में बताया. जिसके बाद उनको वीडियो व अपने दस्तावेज भेजकर मदद मांगी. शर्मा ने राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय, मे विदेश मंत्रालय व सऊदी भारतीय दूतावास (Indian Embassy in Abu Dhabi) के माध्यम से लगातार प्रयास किए तो कार्यवाही शुरू हुई. शर्मा के मामला उठाने के बाद सऊदी सरकार ने नौ लाख रुपये की इकामा की राशि माफ की और बड़ी मुश्किल से वतन वापसी संभव हुई. जयपुर एयरपोर्ट से हफीज जिला कलेक्ट्रेट राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पहुंचा और वहां पर स्वदेश वापसी पर राष्ट्रपिता की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.
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पहली बार अपने पिता के गले लगा मासूम बच्चा
हफीज का चार वर्षीय बच्चा पहली बार अपने पिता की गोद में आया. 4 वर्ष पूर्व हफीज जब सऊदी अरब गया था तब बच्चे का जन्म होने वाला था.बच्चे के जन्म के बाद सउदी में कंपनी के देश छोड़कर भागने से हफीज वापस भारत नहीं लौट पाया और बच्चे से भी नहीं मिल सका. हफीज जब वापस वतन पहुंचा उसने बच्चे को उठाकर गोद में लिया और गले लगा लिया. हफीज की पत्नी अफरोज बानो,बेटी अवाजना, बेटा अरशद और बड़े भाई नफीस इस अवसर पर भावुक हो उठे.