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बूंदी में कॉलेज छात्र संघ अध्यक्ष ने लगाया खुद पर हमले का आरोप, कॉलेज में हंगामा - bundi news

बूंदी के पीजी कॉलेज में छात्र गुटों का आपस में भिड़ने का मामला सामने आया है. यहां पर छात्र संघ सचिवालय में दो छात्र संगठन के पदाधिकारी आपस में भिड़ गए. हालांकि इसमें किसी को चोट नहीं आई है. लेकिन दफ्तर में जिस तरीके से तोड़फोड़ की गई है उसे लगता है कि राजनीतिक ध्वस्ता निकाली हो. फिलहाल कोतवाली पुलिस की ओर से मामले की जांच की जा रही है.

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Published : Sep 28, 2019, 9:47 AM IST

बूंदी.जिले के पीजी कॉलेज में छात्र संगठनों के बीच कुर्सी की लड़ाई अब तक जारी है. छात्र संघ सचिवालय में छात्र संघ अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने को लेकर अध्यक्ष कैलाश गुर्जर और ग्रामीण छात्र संगठन के नेता नरेंद्र मीणा के बीच कहासुनी हो गई.

दो छात्र संगठन के पदाधिकारी आपस में भिड़े

छात्र संघ अध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि उनके साथ धक्का-मुक्की कर कुर्सी फेंकी गई है. इतना ही नहीं उनपर हमला भी किया गया है और धमकी भी दी गई. कोतवाली थाना में छात्र संघ अध्यक्ष ने नरेंद्र मीणा सहित 12 से 15 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है. शिकायत में कहा गया है कि अगर 24 घंटे के अंदर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.

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छात्र संघ अध्यक्ष के मुताबिक जब वह छात्रसंघ सचिवालय में पहुंचे तो वहां कॉलेज का छात्र नेता नरेंद्र मीणा उनकी कुर्सी पर बैठा हुआ था. उसे उठने की बात की तो वह गुस्से में आ गया और लात मारकर कुर्सी पलट दी और पाइप से हमला करने का प्रयास किया. वहीं बाद में 10 से 15 लोगों के साथ आकर जान से मारने की धमकी देने लगा.

उनका कहना है कि कॉलेज में बाहरी तत्वों का प्रवेश रोकने के लिए रेगुलर छात्रों को आईडी कार्ड देकर ही कॉलेज में प्रवेश दिया जा रहा है. जो विरोधियों को हजम नहीं हो रहा है. एबीवीपी की छात्र संघ उपाध्यक्ष मनीषा त्रिवेदी ने कोतवाली पुलिस को शिकायत दी थी कि सचिवालय में बाहरी लोग उनकी कुर्सी पर बैठे रहते हैं. ऐसे में जब छात्राएं समस्या बताने आती है तो उन्हें अलग से कमरा दिया जाता है. वहीं कॉलेज प्राचार्य जेके जैन ने बताया कि मारपीट और कुर्सी पर बैठने को लेकर कहासुनी का मामला अनुशासन समिति को सौंपा गया है. इस मामले में बूंदी के पीजी कॉलेज में छात्र नेताओं की आपसी लड़ाई कही ना कही छात्रों पर भारी पड़ती भी जा रही है. रोज छात्र संगठन कुर्सी को लेकर लड़ रहे हैं.

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ऐसे में सामान्य बच्चों की पढ़ाई पर भी खतरा मंडराने लगा है. आखिरकार राजनीति का खामियाजा सामान्य छात्र क्यों भुगत रहा है. इस मामले में पीजी कॉलेज प्राचार्य का साफ तौर से कहना है कि इस मामले को लेकर छात्र परामर्शदाता से बातचीत की जा रही है और सुलह की कोशिश की जा रही है. आगे से इस तरह की घटनाएं नहीं हों और छात्र संघ चुनाव के दौरान विजय छात्र को कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.

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