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स्पेशल: मुनाफे का सौदा साबित हुई 'गोल्डन मटर' की फसल, दूसरे प्रदेशों में भी बढ़ी मांग - bundi golden pea crop

बूंदी की 'गोल्डन मटर' किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हुई है. मटर की फसल का रकबा इस साल कम हुआ, लेकिन किसानों को उनके मनचाहे दाम मिल रहे हैं. बूंदी की मटर कृषि मंडी में 20 से 25 क्विंटल की रोजाना आवक हो रही है. किसानों का खेतों और मंडी में जमावड़ा देखा जा सकता है. बूंदी की मटर प्रदेश ही नहीं देश में भी अपनी पहचान की मिठास घोल रही है.

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मुनाफे का सौदा साबित हुई बूंदी की गोल्डन मटर

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Published : Feb 17, 2020, 7:27 PM IST

Updated : Feb 17, 2020, 7:47 PM IST

बूंदी.गोल्डन की मांग बढ़ने से किसानों को इस साल अच्छा मुनाफा हो रहा है. जिले के बड़ा नया गांव स्थित मटर मंडी में सप्ताह भर में गोल्डन मटर की अच्छी आवक हो रही है. रोजाना 20 से 25 क्विंटल मटर की आवक हो रही है बूंदी की यह मटर इस बार गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, मुंबई, मध्य प्रदेश और उड़ीसा राज्यो में भी मांग की जा रही है.

मुनाफे का सौदा साबित हुई बूंदी की गोल्डन मटर

व्यापारी मंडी से मटर की गाड़ियां लोडकर दूसरी मंडियों में बेच रहे हैं, जिससे किसानों को अच्छा लाभ मिल रहा है. खास बात यह है कि इस समय दूसरी मंडियों में मटर की आवक कम हो जाती है. वहीं बड़ा नया गांव की मंडी में जनवरी में मटर की आवक शुरू होकर मार्च तक चलती है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा होता है. मटर का उत्पादन बड़ा नया गांव क्षेत्र में 15 से 20 गांव में किया जाता है. इनमें बड़ा नया गांव, मांगली कला, बड़ी मांगली कला, गुड़ा बांध, चतरगंज सहित कई ऐसे गांव हैं. जहां पर करीब 25 साल से मटर की खेती की जा रही है. पहले अलग-अलग नस्ल की टेलीफोन मटर कटार बोई जाती थी, पिछले 5 साल से गोल्डन मटर की बुवाई कर किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.

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ईटीवी भारत से बातचीत में किसान ने बताया कि बूंदी के गोल्डन मटर की मांग राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और दिल्ली सहित कई अन्य राज्यों में भी है. कोटा, सवाई माधोपुर, टोंक, जयपुर, भीलवाड़ा से व्यापारी मटर खरीद कर दूसरे राज्यों में बेच रहे हैं. किसानों को 25 से लेकर 27 रुपए प्रति किलो मिल रहा है. गोल्डन मटर मीठा होने से इसकी मांग ज्यादा है. सप्ताह भर में मंडी में 150 बोरी फिर 200 बोरी अब मंडी में रोजाना 400 से 500 बोरी मटर बिकने के लिए आ रही है.

कुछ देरी से बोई गई थी मटर...

मानसून सीजन लंबा चलने के कारण मटर 1 महीने देरी से बोई गई थी. शुरुआती दिन में मटर की फसल में रोग लगे थे, इसके चलते क्षेत्र में इस बार 600 हेक्टेयर में मटर की फसल बुवाई गई थी. बाद में 550 हेक्टेयर में ही मटर की फसल बची थी. इस बार पानी की कमी नहीं होने से किसानों द्वारा मटर की फसल को लगातार पानी दिया गया. गोल्डन मटर में शानदार फ्लाव आया, अच्छी मटर की पैदावार होने से किसान उत्साहित हैं.

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जानकारी के अनुसार एक बीघा में एक किसान को 3 हजार रुपए का खर्चा आता है और उसमें 10 से 15 बोरी मटर की पैदावार होती है. इस बार मटर का दाम 20 रुपये से ऊपर ही किसानों को मिल रहा है. जबकि पिछले साल 20 रुपये के अंदर तक किसानों को दाम मिला था. अब किसानों को अच्छा दाम मिल रहा है, जिससे किसान भी खुश हैं और बड़े चाव के साथ खेतों में किसान मटर को तोड़कर मंडी लेकर पहुंच रहे हैं. इस गोल्डन किस्म की मटर को देश-प्रदेश में भेजकर इस मटर का स्वाद बढ़ा रहे हैं.

उम्मीद जताई जा रही है कि बूंदी की गोल्डन मटर की मार्च तक आवक रहेगी और यह आवक लगातार जारी रहेगी. उम्मीद जताई जा रही है कि मटर के दाम अंत समय तक 30 रुपए तक भी पहुंच जाएंगे और किसानों को इस फसल से मुनाफा ही होगा. हालांकि किसान कर्ज के बोझ में रहता है, लेकिन फिर भी उन्हें इस मटर से मुनाफा होने के साथ ही उनका कर्ज भी कम होगा.

Last Updated : Feb 17, 2020, 7:47 PM IST

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