बूंदी. मांगली नदी के उफान से खाल में एक युवक नदी में बह गया. लोगों ने उसे बचाने की कोशिश भी की लेकिन उसे बचा नहीं पाए. इसी तरह बूंदी की सभी नदियों में पानी की चादर चलने से आवागमन बाधित हुआ ही है. लेकिन बारिश में लोग नदी को पार कर रहे हैं और अपनी जान को जोखिम में डाल रहे हैं. यहां किसी प्रकार की कोई व्यवस्था प्रशासन द्वारा नहीं करवाई गई है.
बूंदी में नदी-नालों के तेज बहाव में बहे युवक का रेस्क्यू जारी जिले में शनिवार के दिन जमकर मेघ बरसे तो 7 घंटे में 10 इंच बारिश ने बूंदी को पानी से तरबतर कर दिया. दोलाड़ा गांव के नजदीक मेज नदी के खाल में दोस्तों के साथ पिंकनिक मानने के दौरान नहाने गए इलाके के बंटी बंजारा नदी में बह गया, जिसका रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. लेकिन लापता बंटी का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है.
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मौके पर सदर थाना पुलिस सहित बूंदी नागरिक सुरक्षा दल की टीम कोटा से एसडीआरएफ की टीम ने तलाशी अभियान जोर-शोर से चला रखा है. लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है. जानकारी के अनुसार खाल उफान पर था. इस दौरान युवक अपने दोस्तों के साथ नहाने गया था. लेकिन वहां पर अचानक से उफान आने से बंटी नदी पर बह गया और दोस्तों ने बचाने की कोशिश भी की. लेकिन तेज बहाव के चलते वह बचा नहीं पाए. ऐसे में दोस्तों ने परिजनों को सूचना दी. सूचना पर सदर पुलिस मौके पर पहुंची.
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एसडीआरएफ अशोक शर्मा ने बताया कि तेज बहाव होने के चलते पानी में सफलता नहीं मिल रही है. वहीं मिट्टी के दलदल में दबने की आशंका बताई जा रही है. फिर भी नागरिक सुरक्षा की टीम ओर एसडीआरएफ की टीम सघन अभियान चला रही है. ताकि जल्द से जल्द जैसा भी हो वैसे युवक का पता लग जाए और परिजनों को राहत मिल सके.
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बूंदी में कल से अच्छी बारिश हुई. अच्छी बारिश के चलते नदी नाले उफान पर थे. इस दौरान पिकनिक मनाने गए बंटी पानी का शिकार हो गया और पानी में डूब जाने से उसकी मौत हो गई. वहीं दूसरी ओर परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है. बता दें कि बंटी 11वीं क्लास में पढ़ाई करता था.
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जिले के सभी पिकनिक सपोर्ट पर्यटकों से गुलजार हो चुके हैं. लेकिन यहां किसी प्रकार की कोई व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा नहीं करवाई गई है, जिससे लोग अपने मर्जी और अपने तरीके से उछलते पानी में आनंद ले रहे हैं. मेज नदी उफान पर आने से गेंडोली-बूंदी मार्ग पर पिछले 2 दिनों से चादर चलने से इलाके के 15 गांवों का संपर्क बूंदी जिला मुख्यालय से कट चुका है. ऐसा ही हाल घोड़ा पछाड़ नदी का है. जहां पर पानी पुलिया पर 2 फीट से 3 फीट चल रहा है, फिर भी लोग नदी को मोटर साइकिल से पार कर रहे हैं. तालेड़ा नदी उफान पर है और पुलिया का सैलाब उमड़ रहा है. यहां कोई व्यवस्था नहीं होने के चलते लोग नदी में जान जोखिम में डालकर नदी को पार कर रहे हैं.