बूंदी. बूंदी में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जिला अस्पताल में एक दिन में ही डेढ़ दर्जन से ज्यादा मौतें हुईं थी. यहां रोजाना कोरोना मरीजों की मौत होती रही है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग का 10 अप्रैल से 4 जून तक पूरे जिले में 15 कोरोना संक्रमितों की मौत बताना किसी के गले नहीं उतर रहा है.
कोरोना संक्रमितों के परिजनों को अपनों के खोने का दर्द है. वहीं कोरोना से मौत के बाद भी चिकित्सालयों के मृत्यु प्रमाण पत्र में मृत्यु का कारण कोविड नहीं लिखने से भी परेशानी उठानी पड़ रही है. कई परिजनों को अस्पताल और सरकारी दफ्तरों का चक्कर काटना पड़ रहा है.
कैसे मिलेगा बेसहारा बच्चों को उनका अधिकार?
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु से कई घरों में नन्हे-मुन्ने बच्चे तक बेसहारा हो गये हैं. ऐसे कई परिवार हैं, जिनमें कोई कमाने वाला भी नहीं बचा है. ऐसे बेसहारा परिवारों को संबल देने के लिये सरकारी स्तर पर योजनाएं बन रही हैं, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि स्वास्थ्य विभाग ही जिन लोगों की मृत्यु कोविड से होना नहीं मान रहा है, उन परिवारों को कैसे सहारा मिलेगा?
कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री गहलोत को लिखा पत्र
जिले में कोरोना से बड़ी संख्या में लोगों की मौत के आंकड़े छुपाने के इस गंभीर मामले को लेकर कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भी लिखा है. शर्मा ने बताया है कि बूंदी शहर में नगर परिषद ने 103 कोरोना मरीजों का अंतिम संस्कार किया है, जबकि स्वास्थ्य विभाग 15 मौतें ही गिना रहा है.
पीड़ित परिजनों के साथ कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा परिजनों के साथ जिला कलेक्ट्रेट स्थित कोविड 19 जिला कंट्रोल रूम पहुंचे. अधिकारियों ने 4 जून 2021तक पूरे जिले में मात्र 15 लोगों की कोविड से आधिकारिक मृत्यु होने की बात कही तो मृतकों के परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गयी.
कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा का कहना है कि कोविड से बेसहारा हुये परिवारों और बच्चों को उनका हक दिलवाना होगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद कहा है कि हमारे यहां मृत्यु को छुपाने की कोई परंपरा नहीं है. प्रशासनिक और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को मुख्यमंत्री के बयान से सबक लेना चाहिए.
बस इनकी ही कोविड से मृत्यु मान रहा विभाग
दूसरी लहर में बूंदी जिले में स्वास्थ्य विभाग ने कोविड से मृत्यु की 15 लोगों की आधिकारिक सूची जारी की है.
⦁ रामस्वरूप/ मोतीलाल ( गामछ, 10 अप्रैल)
⦁ दयाशंकर शर्मा/बृजेश्वर (बूंदी, 24 अप्रैल)