राजस्थान

rajasthan

By

Published : Aug 4, 2019, 2:45 AM IST

ETV Bharat / state

बूंदीः धूम-धाम से मनाई गई हरियाली तीज, शाही ठाट-बाट से निकली तीज माता की सवारी

प्रदेश में शनिवार को हरियाली तीज का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. इस कड़ी में बूंदी में भी शाही ठाट-बाट के साथ हरियाली तीज माता की सवारी निकाली गई. इस दौरान तीज माता की सवारी देखने के लिए श्रध्दालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा. बता दें कि महिलाएं अपने अखंड सौभाग्य के लिए तीज माता की पूजा करती है और व्रत रखती है.

bundi news, hariyali teez,

बूंदी.छोटी काशी में शुक्रवार को हरियाली तीज का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. यह तीज सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया में मनाया जाता है. बता दें की इस अवसर पर शाही ठाट-बाट के साथ हरियाली तीज माता की सवारी निकाली गई जिसमें राजपरिवार के महाराजा बलभद्र सिंह और रानी रानी कुमारी शामिल हुई. जब तीज माता की सवारी कैसरी दौलत पहुंची तब वहां पूरे विधि-विधान के साथ तीज माता की पूजा अर्चना की गई.

शाही ठाट-बाट के साथ मनाई गई हरियाली तीज

वहीं महीलाओं ने राजस्थानी परंपरा को निभाते हुए सोलह श्रृंगार किया और तीज नृत्य पर जमकर डांस किया. दरअसल बूंदी में तीज का अधिक महत्व है और महिलाएं अपने अखंड सौभाग्य के लिए तीज माता की पूजा करती है. महिलाएं रात्री से ही मंगल गीत गाते हुए हाथों में मेहंदी लगाती है और अपने पति की लंबी उम्र के लिए हरियाली तीज का व्रत को रखती है. इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती के रूप में माता कजली तीज की पूजा की जाती है.

यह भी पढ़ेः एसी-एसटी छात्रावास के छात्र-छात्राओं को मिलेगी निःशुल्क साइकिल

पूर्व राजपरिवार के महाराजा बलभद्र सिंह ने कहा कि राजा बलवंत सिंह ने जयपुर से तीज लूट कर बूंदी लेकर आये थे. तभी से बूंदी में तीज का विशेष महत्व है. बताया जाता है कि बूंदी में आज से डेढ़ सौ साल पहले गणगौर त्यौहार के दिन एक बड़ा हादसा हो गया था जिसमें राजपरिवार के सदस्य की मौत हो जाने के बाद बूंदी में गणगौर का पर्व नहीं मनाया जाता तो राजपरिवार ने कजली तीज माता की सवारी निकालने का और माता को पूजने का संकल्प लिया. उसी समय बूंदी में हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details