बूंदी. रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में बाघों को बेहतर आश्रय स्थल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कोर के साथ-साथ अब बफर जोन के जंगलों को भी बाघों के अनुकूल बनाने का काम वन विभाग ने शुरू कर दिया है. बाघों के लिए श्रेष्ठ आश्रय स्थल रहे कालदां के जंगलों में जूलीफ्लोरा को हटाकर ग्रासलैंड विकसित करने का काम चल रहा है. साथ ही जंगल में रास्ते बनाने का काम भी शुरू हो गया है. विभाग का प्रयास है कि आने वाले समय में कालदां के वन क्षेत्रों में मानवीय गतिविधियों को कम कर, इन्हें वन्यजीवों के लिए अच्छे आश्रय स्थल के रूप में विकसित किया जाए.
टीम ने किया जंगल का दौरा : उप वन संरक्षक बूंदी ओ पी जांगिड़ ने बताया कि रिजर्व क्षेत्र में वन्यजीवों से समृद्ध एव जैव विविधता के लिहाज से महत्वपूर्ण दुर्गम कालदां वन क्षेत्र के टाइगर रिजर्व के बफर जोन का अवलोकन किया. उन्होंने बताया कि वन अधिकारियों के साथ मोचड़ियां के देवनारायण स्थान के पास विकसित किए जा रहे कालदां ग्रासलैंड का भी अवलोकन किया गया. इस दौरान पूर्व क्षेत्रीय वन अधिकारी संजीव गौतम, पर्यावरण प्रेमी पृथ्वी सिंह राजावत, गुढ़ानाथावतान नाका प्रभारी श्योजी लाल चौहान व वन रक्षक रमेश मीणा ने पैदल गश्त कर वन क्षेत्र को देखा.