बूंदी. राजस्थान में कोरोना वायरस अभी थमा नहीं है. प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. सरकार संक्रमण को लेकर विभिन्न प्रकार के अभियान चलाकर लोगों को जागरूक कर ही है. सरकार कोरोना वायरस से बचने के लिए नो मास्क नो एंट्री अभियान को गति देने में लगी हुई है, लेकिन बूंदी में इस अभियान की धज्जियां उड़ाई जा रही है.
'नो मास्क नो एंट्री' अभियान की धज्जियां प्रशासन का दावा है कि नो मास्क नो एंट्री अभियान के तहत शहर में लोग मास्क लगा रहे हैं और जो मास्क नहीं लगा रहे हैं, उन्हें एंट्री नहीं दी जा रही है. ऐसे में बूंदी के बाजारों में ईटीवी भारत की टीम ने रियलिटी चेक किया तो प्रशासन के सारे दावे खोखले नजर आए.
प्रशासन कर रहा इतिश्री
ईटीवी भारत की टीम ने बूंदी शहर के 12 बाजारों में दुकानदारों और वहां पर खरीदार करने आ रहे ग्राहकों को देखा. इस दौरान सामने आया कि अधिकतर लोगों ने मास्क नहीं लगा रखा था. दुकानदार हो या ग्राहक, सभी बिना मास्क के नजर आए. रियलिटी चेक में सामने आया कि प्रशासन सुबह-शाम अपनी कार्रवाई कर इतिश्री कर लेता है, शहर के अंदर बाजारों में इस अभियान की कोई सख्ती नजर नहीं आती है.
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सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ रही धज्जियां
त्योहारी सीजन के कारण इन दिनों शहर के बाजारों में गांवों से लोग खरीददारी करने के लिए आ रहे हैं. मास्क के साथ यहां पर सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ती हुई नजर आई. सबसे खास बात यह है कि कैमरे के सामने सभी मास्क लगा लेते हैं, लेकिन कैमरे के हटते ही लोग मास्क हटा लेते हैं.
जागरूक नहीं हैं लोग
रियलिटी चेक में सामने आया कि लोग जागरूक नहीं हैं, जबकि प्रशासन ऐसे लोगों पर कार्रवाई भी कर रहा है और इनके चालान भी काट रहा है. इस दौरान कई लोग ऐसे भी मिले जो अपने पास मास्क तक नहीं रखे हुए थे और कुछ लोग ऐसे मिले जो मास्क को हाथ में लेकर घूम रहे थे, लेकिन मास्क नहीं लगाए हुए थे.
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बता दें, बूंदी जिला प्रशासन ने शुक्रवार को 'मास्क पहनो कोरोना दूर भगाओ' अभियान का आगाज किया है. इस दौरान शहर में 50 हजार से अधिक मास्क का वितरण किया गया है. इस अभियान के तहत जिला कलेक्टर और एसपी सड़कों पर पैदल मार्च करते हुए लोगों को मास्क देते हुए नजर आए. फिर भी आम जन जागरूक नजर नहीं आ रहा है. शहर के कोटा रोड, नैंनवा रोड, बहादुर सिंह सर्किल, गोपाल सिंह प्लाजा, लंका गेट, अहिंसा सर्किल, बूंदी बस स्टैंड, चोमूखा बाजार और सदर बाजार सहित जितने भी बाजार हैं, वहां ऐसी स्थिति ही सामने आई.