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Special: बूंदी का बाजार हो रहा Digital...कैश की जगह बढ़ रहा डिजिटल पेमेंट का क्रेज

डिजिटल इंडिया की ओर देश तेजी से अपने कदम बढ़ा रहा है. खासकर कोरोना काल में ज्यादातर कार्य ऑनलाइन ही किए जाने लगे हैं. बूंदी शहर के बाजारों में भी यह बदलाव देखने को मिला है. महामारी फैलने के बाद से नकद भुगतान की बजाय डिजिटल पेमेंट की तरफ लोगों का रुझान बढ़ा है. बाजारों में कई दुकानदारों ने डिजिटल पेमेंट को अपनाया है तो युवा वर्ग में भी इसका क्रेज काफी बढ़ गया है. पढ़ें पूरी खबर...

Digital payment increased after Corona epidemic
कोरोना महामारी के बाद डिजिटल पेमेंट बढ़ा

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Published : Oct 30, 2020, 8:04 PM IST

बूंदी.कोरोना संक्रमण ने देश भर के तमाम सेक्टर में भले ही परेशानी खड़ी की हो, लेकिन समाज को डिजिटल इंडिया से जोड़ने में बड़ा योगदान दिया है. कोरोना को लेकर जारी गाइडलाइन में एक-दूसरे के संपर्क में न आने पर जोर दिया गया है, ऐसे में ज्यादातर लोगों ने डिजिटल वर्क को अपनाया है. जिले के बाजारों में भी इसका असर खासा दिखाई पड़ रहा है.

कोरोना महामारी के बाद डिजिटल पेमेंट बढ़ा...

बाजारों में व्यापारियों और आमजन की ओर से भी डिजिटल पेमेंट को महत्व दिया जा रहा है. खरीदारी के दौरान संक्रमण का खतरा न फैले इसलिए डिजिटल पेमेंट किया जा रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना महामारी के कारण भारत में डिजिटल पेमेंट को काफी बढ़ावा मिला है. लोग डिजिटल ट्रांजैक्शन कर रहे हैं, यही कारण है कि जुलाई 2020 में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस से अब तक का सबसे अधिक कैश ट्रांजैक्शन हुआ है. जून के मुकाबले जुलाई में यूपीआई आधारित पेमेंट में 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.

जुलाई में यूपीआई के जरिए भारत में डेढ़ अरब से अधिक ट्रांजैक्शन हुए हैं जिनमें 2 लाख 90 हजार से अधिक राशि का लेनदेन हुआ है. वहीं, जून में यूपीआई 2 लाख 62 हजार करोड़ रुपए के ट्रांजैक्शन हुए हैं. इन्हीं आंकड़ों को देखते हुए विशेषज्ञों का कहना है कि लोग ज्यादा से ज्यादा डिजिटल पेमेंट ही करें ताकि कोरोना संक्रमण से बचे रहें. इस मामले में बूंदी जिला कलेक्टर ने कहा है कि जिले के सभी बाजारों में डिजिटल पेमेंट को लेकर अभियान चलाया जाएगा और इस संक्रमण की घड़ी में लोग नकद भुगतान की बजाए डिजिटल पेमेंट करें, ऐसी व्यवस्था लागू की जाएगी.

छोटी दुकानदारों ने भी अपनाया डिजिटल पेमेंट...

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नोटों से भी वायरस फैलने का रहता है खतरा...

कोरोना वायरस के मद्देनजर लोगों से कहा गया है कि वह जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें या सफर करें. जहां तक कोरोना वायरस के फैलने का सवाल है तो करेंसी नोट दिनभर में कई लोगों के पास से गुजरते हैं और यदि किसी संक्रमित व्यक्ति के पास से होकर नोट आगे आए हैं तो उसे हाथ में लेने वाला व्यक्ति भी कोरोना की चपेट में आ सकता है. इसी खतरे को देखते हुए सरकार, बैंक और प्रशासन कैश की बजाय डिजिटल पेमेंट के जरिए लेनदेन के सुझाव दे रहा है. हालांकि, लॉकडाउन के समय बाजार बंद रहने ले डिजिटल पेमेंट में गिरावट आई है. लोग घरों से बाहर नहीं निकल सके और अपनी सुविधाओं के अनुसार ही कार्य किया. लोगों ने न तो बाजारों में खरीदारी की न ही ऑनलाइन शॉपिंग की.

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बूंदी शहर के चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन कसेरा का कहना है कि डिजिटल पेमेंट कोरोना काल में बहुत सहायक साबित हो रहा है. काफी लंबे समय से डिजिटल इंडिया के तहत डिजिटल पेमेंट की प्रक्रिया को लागू करने को लेकर सरकार प्रयास कर रही है और लोग विभिन्न तरह के एप्स के जरिए पेमेंट भी कर रहे हैं. कोरोना का समय है और संक्रमण से बचना है तो हाथ में पेमेंट देने की जगह डिजिटली पेमेंट करें तो ज्यादा सुरक्षित रहेगा.

युवाओं में बढ़ा क्रेज...

शहर के युवा हुसैनी बोहरा का कहना है कि लॉकडाउन के समय सभी व्यवस्थाएं ठप हो गईं, बाजार बंद हो गए और उन्हें मासिक सहित अन्य भुगतान करने थे. ऐसे में किसी के पास जा भी नहीं सकते थे. ऐसे में डिजिटल पेमेंट ही एकमात्र सहारा रहा जिसके जरिए उन्होंने समय से अपने सारे पेमेंट कर किए वह भी बिना किसी खतरे के. हुसैनी बोहरा बताते हैं कि डिजिटल पेमेंट एप यूज करने से उपभोक्ता को कैशबैक भी मिलता है जिससे वह पेमेंट सहित अन्य चीजों की खरीदारी में उसका उपयोग कर सकता है. डिजिटल पेमेंट सिक्योर भी रहता है, क्योंकि कई मामलों में लोगों से लूटपाट की घटनाएं भी होती हैं. सामने वाले व्यक्ति को उसका भुगतान भी पहुंच जाएगा.

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शहर की जनता करे डिजिटल पेमेंट, जिला प्रशासन चलाएगा अभियान...

आधा साल बीत चुका है और कोरोना वायरस से बचाव की जब तक वैक्सीन नहीं आती तब तक इसी प्रोटोकॉल में अपनी जिंदगी गुजारनी होगी. ऐसे में आने वाले त्योहारों में ईटीवी भारत भी आमजन से अपील करता है कि वह नगद भुगतान की बजाय अपना पेमेंट डिजिटल माध्यम से करें ताकि बूंदी में कोरोना संक्रमण न फैले. जिले में अधिकतर दुकानों पर काफी लंबे समय से डिजिटल पेमेंट से ही भुगतान हो रहा है और कई दुकानदारों ने तो डिजिटल पेमेंट स्वीकार करने के बैनर व बोर्ड लगा रखे हैं.

अधिकतर युवा तो अपने मोबाइल ऐप से ही डिजिटल भुगतान करते हैं. लेकिन जब तक इस में जन भागीदारी नहीं होगी तब तक डिजिटल इंडिया के इस सपने को साकार नहीं किया जा सकता. उधर, इस मामले में बूंदी जिला कलेक्टर ने भी कहा है कि कोरोना काल में डिजिटल पेमेंट से संक्रमण को रोका जा सकता है. उन्होंने कहा कि प्रशासन इस मामले में शहर भर में अभियान चलाएगा और दुकानदारों और लोगों को जागरूक करेगा कि वह डिजिटल पेमेंट करें और नगद भुगतान करने से बचें.

विश्व स्वास्थ्य संगठन भी स्वीकार कर चुका है कि नोट, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड के जरिए कोरोना वायरस फैल सकता है. ऐसे में इसे रोकने के लिए बूंदी शहर की जनता को डिजिटल पेमेंट को ज्यादा प्रयोग कर कोरोना को चेन तोड़ने में मददगार होगी सके और डिजिटल इंडिया को भी बढ़ावा मिलेगा.

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