बूंदी. हाल ही में प्रदेश में कई नई पंचायत समितियों का पुनर्गठन किया गया है. जिले में भी लाखेरी व दबलाना पंचायत समिति बनाने का फैसला लेने के बाद पंचायत समिति 5 से बढ़कर 7 हो गई है.
करीब 14 पंचायतें अस्तित्व में आ गई है. केशोरायपाटन पंचायत समिति को तोड़कर लाखेरी और हिंडोली पंचायत समिति से दबलाना को अलग किया गया है. इसके साथ ही 14 नई ग्राम पंचायत भी बनाई गई है. 34 पंचायतों का पुनर्गठन किया गया है. जिले में ग्राम पंचायतों की संख्या 183 से बढ़कर 197 हो गई है. पुनर्गठन के बाद 29 अगस्त तक आपत्ति व सुझाव मांगे गए हैं.
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बता दें कि पंचायत समिति की 25 पंचायतों और लाखेरी में 22 को शामिल किया गया है. जिसमें घाट का बराना, दही खेड़ा, गुहटा, खरायता, उतराना, बड़ाखेड़ा, रेबारपुरा, बांसवाड़ा नई ग्राम पंचायत जयनगर को पंचायत समिति में शामिल किया गया है. यानी केशोरायपाटन पंचायत समिति में केवल 25 ग्राम पंचायत ही बची है. चितावा, गुडली, लेसरदा, भियां, माधोराजपुरा, झालीजी का बराना, बोरदा कछियांन, गेण्डोली खुर्द, फोलाई, बलकासा, आजन्दा आदि.
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इसी तरह जो नई पंचायत दबलाना बनाई गई है. उनमें 21 ग्राम पंचायत को शामिल किया गया है. जिसमे दबलाना, डाबेटा, बड़गांव, भवानीपुर, रानीपुरा, सावत गढ़, गोठड़ा, धोवडा ,रुणीजा, अलोद , चेता, सोरेन, डागरिया, दलेलपुरा को पंचायत में शामिल किया गया है. अब हिंडोली पंचायत समिति में 29 पंचायतें ही शेष है जिसमें हिंडोली, पगारा, रोशन्दा गुड़ा, सहसपूरियां, बड़ा नया गांव, बड़ोदिया, चतरगंज, बसोली, बासनी ग्रामपंचायत हिंडोली में बची है. इन पंचायतों के पूर्ण गठन के बाद बहुत सी ऐसी ग्राम पंचायत है जो ग्रामीणों के स्थानों से दूर चली गई है. जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पढ़ रहा है.ऐसे में उन ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी भी दी है. और जहां-जहां पंचायत अलग की गई है. उन्होने विरोध करना शुरू कर दिया है.