बूंदी.जिले के संगावदा गांव में दलित दूल्हे की बिंदोरी पुलिस पहरे के बीच निकाली गई. एक तरफ घरवालों का जश्न था तो दूसरी और पुलिस की कड़ी सुरक्षा थी और इसी कड़ी सुरक्षा के बीच गांव के सभी लोग दलित शिक्षक की बिंदोरी निकलते हुए देख रहे थे.
बता दें कि संगावदा गांव में आज भी एलओसी खींची हुई है. जहां दो समुदायों में बस्ती के बीच कटुता की यह अदृश्य दीवार गांव वालों ने एक नहीं होने दी. इस बस्ती के लोग गांव के दूसरे हिस्से में नहीं जाते हैं, तो दूसरी बस्ती के लोग उनकी बस्ती में कदम नहीं रखते.
वहीं गांव में दलित समाज के एक शिक्षक की शादी है और दूल्हे की इच्छा थी कि वह घोड़ी पर सवार होकर पूरे गांव में बिंदोरी निकालेगा. लेकिन, ये डर था की कहीं इसके कारण कोई विवाद ना हो जाये. बता दें कि जिले में ऐसे मामले पहले भी आ चुके हैं, जहां दलित दूल्हों को पुलिस और प्रशासन से बिंदोरी निकालने के लिये सुरक्षा की मांग करनी पड़ी थी.
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वहीं आज भारी पुलिस जाब्ता संगावदा गांव में पहुंचा, जहां उन्होंने सुरक्षा पहरे के बीच दलित दूल्हे की बिंदोरी निकलवाई. बिंदोरी को पुलिस ने पूरी छावनी में तब्दील कर दिया और 160 पुलिस के जवान 5 थानों की पुलिस सहित खुद पुलिस उपाधीक्षक श्यामसुंदर विश्नोई और पुलिस उपाधीक्षक घनश्याम ने मोर्चा संभाला हुआ था और कड़ी सुरक्षा के बीच दूल्हे की बिंदोरी को संपन्न करवाया. गांव के हर नुक्कड़ मोड़ पर पुलिस के जवान तैनात होते हुए दिखे.
जानकारी के अनुसार इस गांव में 2018 में दो बार दलित दूल्हे की बिंदोरी को रोक दिया था और कुछ लोगों ने दलित दूल्हे को जान से मारने की धमकी तक दे डाली थी. लेकिन, 2018 में पुलिस कांस्टेबल ने बिंदोरी निकाली तो 2020 में शिक्षक ने भी बिंदोरी निकालने की ठानी.