बूंदी: कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री पर लटक रही गिरफ्तारी की तलवार फिलहाल टल गई है. जिला कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी है.
रिवीजन पर सुनवाई करते हुए सोमवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह की गिरफ्तारी वारंट पर जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने 5 जनवरी तक अंतरिम रोक लगा दी है.
लोक अभियोजक योगेश यादव ने सरकार की तरफ से पैरवी करते हुए गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक का विरोध किया. अविनाश चानना के वकील की ओर से न्यायालय में खुद को रिवीजन में पार्टी बनाने के लिए दरख्वास्त पेश की गई. जिस पर भंवर जितेंद्र सिंह के वकील की ओर से अनापत्ति की गई.
भंवर जितेंद्र पर अपने मामा रणजीत सिंह की वसीयत (Ranjit Singh will case) के साथ छेड़छाड़ करने और फर्जी तरीके से अपने हित में बनवाने के आरोप हैं. बूंदी न्यायालय ने इस मामले में प्रसंज्ञान लेते हुए भंवर जितेंद्र समेत 3 के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. भंवर जितेंद्र सिंह ने कहा है कि इस बारे में पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट (FR) दे दी थी.
मामला बूंदी राजघराने की संपत्ति के विवाद से जुड़ा
बता दें कि राज परिवार के संपत्ति विवाद मामले (Property Dispute Of Alwar Royal Family) में वर्ष 2017 में अविनाश चानना ने भंवर जितेंद्र सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी. चीफ ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट बूंदी ने भंवर जितेंद्र सिंह को उनके मामा रणजीत सिंह की वसीयत (Ranjit Singh will case ) को लेकर स्वयं के फायदे के लिए ट्रस्ट डीड बनाने का आरोपी माना. इन फर्जी दस्तावेजों को बनाने के आरोप में धारा 420, 467, 468 व 471 में प्रसंज्ञान लिया.