बूंदी. नगर परिषद के सभी 60 वार्डों में मतदान कुछ छुटपुट घटनाओं को छोड़कर शांतिपूर्ण संपन्न हो चुका है. यहां बूंदी नगर परिषद में दोनों ही पार्टियां अपना-अपना बोर्ड बनाने का दावा कर रही हैं. हालांकि खबर यह भी है कि कई वार्डों में निर्दलीय भी बाजी मार सकते हैं।. यहां बूंदी नगर परिषद में करीब 10 वार्डों में निर्दलीयों उम्मीदवारों ने दोनों ही प्रमुख पार्टियों को पसीने छुड़ा दिए हैं.
मतदान समाप्ति के पश्चात ही दोनों ही प्रमुख पार्टियां अपने-अपने प्रत्याशियों को बाड़े बंदी में रखने का प्रयास कर रही है. मतदान समाप्त होने के साथ ही पार्टी पदाधिकारी अपने प्रत्याशियों को निश्चित स्थान पर ले जाने का प्रयास करते नजर आए. वहीं कई प्रत्याशी पार्टियों की बाड़ेबंदी में रहने को लेकर सहमत नहीं है. जिन पर पार्टी पदाधिकारियों की ओर से कई प्रकार से दबाव भी बनाए जा रहे हैं.
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गत दिनों बूंदी में हुई मंत्री शांति धारीवाल की सभा से कांग्रेस पार्टी को बहुत उम्मीदें थी. कांग्रेस नेताओं को आशा थी कि मंत्री शांति धारीवाल की घोषणाओं के बाद बूंदी शहर में कांग्रेस पार्टी के पक्ष में भारी माहौल बनेगा, लेकिन मंत्री शांति धारीवाल की सभा और उनकी घोषणाओं का बूंदी के जनमानस पर कोई खास फर्क पड़ता नजर नहीं आया. यहां दोनों ही पार्टियों के नेता भले ही बूंदी नगर परिषद में अपना बोर्ड बनने का दावा कर रहे हो, लेकिन सच्चाई यह है कि वह खुद भी निर्दलीयों की उपस्थिति को लेकर आशंकित है और बूंदी नगर परिषद में इस बार भी कई निर्दलीय उम्मीदवार जीतकर पहुंचेंगे.
इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. फिलहाल बूंदी नगर परिषद के 60 वार्डों के लिए सभी 209 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद हो चुका है. जिनके भाग्य का फैसला 31 जनवरी को मतगणना के पश्चात होना है. 31 जनवरी को ही स्पष्ट होगा कि बूंदी नगर परिषद में इस बार किस पार्टी का बोर्ड बनने जा रहा है या इस बार भी बूंदी नगर परिषद में जोड़-तोड़ के जरिए ही सभापति बनाया जाएगा.