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बूंदी में कोरोना पॉजिटिव मरीज हुआ फरार, प्रशासन में मचा हड़कंप - Corona positive patient Bundi

बूंदी में कोरोना पॉजिटिव मरीज के फरार होने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है. यहां मरीज बूंदी जिले में बिहार से मजदूरी करने के लिए आया था, तभी उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसको प्रशासन ने फोन किया तो मजदूर चकमा देकर फरार हो गया.

Corona positive patient Bundi, कोरोना पॉजिटिव मरीज फरार बूंदी
बूंदी में कोरोना पॉजिटिव मरीज हुआ फरार

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Published : Jul 11, 2020, 7:43 PM IST

बूंदी.जिले में कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. यहां शुक्रवार को 2 केस मिले थे, इनमें से एक मजदूर भी था. ऐसे में प्रशासन जब मजदूर को लेने के लिए पहुंचा तो मजदूर प्रशासन को चकमा देकर फरार हो गया. जब से लेकर अब तक 24 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन अब तक मजदूर प्रशासन के हाथ नहीं लगा, जो कि चिंता का विषय है.

मजदूर बूंदी जिले में बिहार से मजदूरी करने के लिए आया था. जिस पर प्रशासन ने मजदूर की कोरोना सैंपल लिया था. ऐसे में उसकी कोरोना वायरस रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद प्रशासन ने उसको फोन किया और उसे बताया कि वह कोरोना पॉजिटिव निकला है, जिसके बाद मजदूर रफूचक्कर हो गया और प्रशासन मौके पर पहुंचा तो वह नहीं मिला.

बूंदी में कोरोना पॉजिटिव मरीज हुआ फरार

प्रशासन ने नीम का खेड़ा इलाके में मजदूर को खंगालने की भी कोशिश की, लेकिन वहां भी नहीं मिला. फरार होने की सूचना पर बूंदी जिला प्रशासन ने जिले की सभी सीमाओं पर नाकेबंदी कर दी है. और मजदूर के फोटो से उसकी शिनाख्त करने की कोशिश की जा रही है, उधर, जिले के अस्तोली गांव में महिला कोरोना पॉजिटिव आने के बाद महिला की मौत हो गई. ऐसे में प्रशासन में एक बार फिर हड़कंप मच गया है.

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इस मामले में बूंदी उपखंड अधिकारी कमल कुमार मीणा ने भी चिंता जाहिर की और कहा कि, मजदूर का फरार होना बूंदी के लिए चिंता का विषय बन सकता है. ऐसे में प्रशासन पिछले 24 घंटे से मजदूर को खंगालने में लगा हुआ है और जहां-जहां भी जिले की सीमा है. वहां, नाकेबंदी करवाई जा रही है. लेकिन, अभी तक भी मजदूर प्रशासन को नहीं मिल पाया है.

इस पूरे मामले में देखा जाए तो प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आ रही है, क्योंकि प्रशासन ने सीधा ही मजदूर को फोन कर उसे कोरोना वायरस होने की बात कही थी, ऐसे में मजदूर अवसाद में आ गया और वह इलाका छोड़कर फरार हो गया. जबकि, प्रशासन को संबंधित इलाके के लोगों को फोन कर युवक की लोकेशन लेना था ताकि मजदूर डिटेन हो सकें.

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