बूंदी. राज्य में निवास कर रहे अफगानिस्तान, बांग्लादेश एवं पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को भारतीय नागरिक प्रदान करने के लिए शुक्रवार को जिला कलेक्ट्रेट स्थित एनआईसी में विशेष कैंप लगाया गया. कैंप में जिले में स्थाईवास के आधार पर निवास कर रहे लोग जो नागरिकता अधिनियम 1955 की विभिन्न धाराओं के अन्तर्गत पात्रता रखते हैं, उन्होंने नागरिकता के लिए अप्लाई किया.
बूंदी में नागरिकता के लिए लगा शिविर केंद्र सरकार ने हाल ही में ही लोकसभा व राज्यसभा में यह बिल पास हुआ है. जिला कलेक्टर रुकमणी रियार ने एक मौखिक आदेश जारी करते हुए नागरिक संशोधन बिल के तहत नागरिकता लेने के लिए कैंप का आयोजन करवाया गया. जहां पर इस कैंप में बूंदी शहर में रह रहे शरणार्थियों ने भाग लिया आज पहले दिन विशेष कैंप में 9 महिलाएं-पुरुष नागरिकता के लिए आवेदन करने पहुंचें. जहां पर उन्होंने अधिकारियों से बातचीत कर आवेदन किए.
यह भी पढ़ें- बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान का मिलेगा मुआवजा, CM गहलोत ने दिए आंकलन करने के निर्देश
शरणार्थियों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि नागरिकता नहीं मिलने के चलते हमारा पहचान पत्र, आधार कार्ड ,राशन कार्ड व बच्चों के पढ़ाई के लिए स्कूल में एडमिशन तक नहीं हो पा रहा था. हम जैसे-तैसे करके हमारी इन वर्षों तक दिनचर्या को चला रहे थे, लेकिन सरकार ने जैसे ही बिल को लागू किया है, तो हमें जल्दी नागरिकता मिले और हमारे आवेदन को स्वीकार लिया जाए. उन्होंने मोदी सरकार की इस बिल की तारीफ भी करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने 2014 में भी इस बिल को लाने के लिए बात कही गई थी और इस बिल को लाया और इस बिल को लागू करवा लिया गया. हमें जल्द से जल्द अपेक्षा है कि वह हमें नागरिकता दिलवाएंगे.
शहर में नागरिकता ले रहे 9 लोगों ने अपनी पीड़ा मीडिया के सामने रखी कि किस तरीके से अन्य देशों में इनके साथ प्रताड़ना की गई और वे भारत देश लौटे और यहां की नागरिकता मांग रहे हैं. हालांकि इस नागरिकता को लेकर कांग्रेस सरकार ने को स्पष्ट आदेश जिला मुख्यालय पर नहीं भिजवाए हैं. जिसको लेकर प्रशासन ने इस शिविर को लगवाया और नागरिकता के लिए लोगों से अप्लाई भी करवाया. मीडिया से अधिकारी बचते हुए नजर आए और कहते हुए दिखे कि सरकार का हमें कोई आदेश है नहीं तो हम किसी तरीके से मीडिया से बातचीत नहीं कर सकते. जब हमारे पास आदेश देंगे आएंगे तो हम मीडिया से इस मामले में बात करेंगे.