बूंदी.देश में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन 3.0 लागू है. लॉकडाउन को अब 44 दिन बीत चुके हैं. इन 44 दिनों के दौरान जिंदगी में काफी उतार-चढ़ाव लोगों को देखने को मिले हैं. कोरोना वायरस के चलते देश में हजारों जिंदगी दांव पर लगी हुई हैं. तो कई लोगों की जान भी जा चुकी है. रोज कोरोना वायरस के केसों में इजाफा हो रहा है. तो मौतों के आंकड़ें भी लगातार बढ़ रहे हैं.
लॉकडाउन के चलते लोग बीते 44 दिनों तक घरों में कैद होकर रह गए हैं. लेकिन इसके कई सकारात्मक प्रभाव भी सामने आ रहे हैं. आमतौर पर देश में बड़ी तादाद में लोग पान, गुटखा, तंबाकू और शराब का सेवन करते थे. इस लॉकडाउन के बीच इन तीनों की बिक्री पूरी तरह से बंद रही. जिन-जिन लोगों ने भी पान और गुटखा का सेवन किया. उन पर कानूनी डंडा भी चला और उन्हें जेल तक की हवा खानी पड़ी.
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ऐसे में जो लोग आमतौर पर इनका सेवन किया करते थे. उन्हें आसानी से यह चीजें उपलब्ध नहीं हो सकी. बूंदी में 44 दिन तक बाजार बंद रहे. मार्केट में तम्बाकू, शराब नहीं मिलने से लोगों ने इसका सेवन करना बंद कर दिया.
25 प्रतिशत लोगों ने छोड़ा नशा
लोगों ने बताया कि 44 दिनों के इस दौर के बीच अपनी नई जिंदगी के अध्याय को लिखा है और इन बुरी आदतों को छोड़ दिया है. बूंदी में करीब 25% लोगों ने तंबाकू और नशीली चीजों को अब त्याग दिया है.
लॉकडाउन ने बनाया लोगों को जिम्मेदार