बूंदी. जिले में दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग के प्रसव के बाद जन्मी बच्ची को (Newborn Thrown in the Bushes) फेंक देने का मामला सामने आया है. इस संबंध में बालिका झाड़ियों में महिलाओं को दिखी थी. पुलिस मौके पर पहुंची और नवजात को मौके से दस्तयाब कर अस्पताल पहुंचाया, जहां से तबियत बिगड़ने पर उसे कोटा के जेके लोन अस्पताल रेफर कर दिया था. इस मामले में पुलिस की पड़ताल में सामने आया कि नाबालिग बालिका का प्रसव भी निजी स्कूल के बाथरूम पर ही करवाया था, जहां पर प्रसव के बाद खून से सने हुए कपड़े भी मिले हैं.
मामले के अनुसार सदर थाना क्षेत्र में रहने वाले परिवार की 15 वर्षीय नाबालिग से उसके चचेरे भाई ने दुष्कर्म कर लिया था. इसके बाद परिवार का मामला (Minor Girl Rape Case in Bundi) होने या बदनामी के डर से किसी तरह का कोई मुकदमा दर्ज नहीं करवाया. साथ ही नाबालिग का प्रसव चित्तौड़गढ़ रोड एक निजी स्कूल के बाथरूम में करा दिया. जिसके बाद जन्मी नवजात को स्कूल के पीछे झाड़ियों में फेंक दिया गया.
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हालांकि, नवजात के मिलने के मामले में किसी ने भी उसे नहीं उठाया, जबकि उसका वीडियो लोग वहां पर बनाते रहे. यह सूचना कलेक्टर व एसपी के पास पहुंची. इसके बाद पुलिस हरकत में आई. मौके पर सबसे पहले सदर थाना पुलिस के एएसआई राजेंद्र सिंह पहुंचे थे. उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए सीआई अरविंद भारद्वाज को भी बुलाया. इस घटना के आसपास के सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले गए हैं. कोटा से फॉरेंसिक टीम भी पहुंची थी. यह प्रथम दृष्टया एक नाबालिग बालिका के सुबह प्रसव होना ज्ञात हुआ है, जिसे चिन्हित कर बालिका की चिकित्सकीय जांच कराई गई है.
नाबालिग के माता-पिता ने नाबालिग प्रसूता को चिकित्सालय में भर्ती कराया है. इस घटना पर बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष सीमा पोद्दार, सदस्य घनश्याम दुबे, छुट्टन लाल शर्मा भी अस्पताल पहुंचे थे. उन्होंने भी नाबालिग बालिका से जानकारी ली है और कोटा में बालिका का उचित उपचार के निर्देश दिए गए हैं. एसपी जय यादव का कहना है कि 26 नवंबर की सुबह नवजात बालिका के झाड़ियों में पड़े होने की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची थी. इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है, साथ ही अनुसंधान के बाद आरोपी को भी गिरफ्तार किया जाएगा.