बूंदी.पूरे देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते लॉकडाउन जारी है और सबसे ज्यादा परेशानी दिहाड़ी मजदूरी करने वाले और किसानों को हुई है. पहले कुदरत के कहर ने खड़ी फसलों को बर्बाद कर दिया. बाद में उनकी फसलें लॉकडाउन के चलते खरीदी नहीं बेची जा सकी. ऐसे में बूंदी में किसानों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है. यहां पर बूंदी की कुंवारती कृषि मंडी मंगलवार से शुरू हो गई.
किसानों को टोकन के अनुसार बूंदी मंडी में प्रवेश दिया जा रहा है. 160 व्यापारियों को 3-3 टोकन प्रशासन के द्वारा उपलब्ध करवाए गए हैं. वह अपने अनुसार इन किसानों को मंडी में बुलवा सकते हैं. आज 300 से अधिक किसान बूंदी कृषि मंडी में गेहूं की फसल लेकर पहुंचे और सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए अपनी फसल को उन्होंने बेचा. पहली बार मंडी खुलने के साथ बूंदी मंडी के अंदर भाव किसानों को मन मुताबिक नहीं मिले. किसानों का मानना था कि लॉकडाउन चलते काफी नुकसान हुआ है, तो वह इस दाम में भी अपनी फसल बेचने के लिए राजी हैं.
15 दिन बाद लौटी मंडी में रौनक
कल तक तो बूंदी कृषि उपज मंडी का पूरा पांडाल खाली था. आज जैसे ही सुबह से किसान फसल लेकर मंडी में प्रवेश हुए, तो किसानों का जमघट मंडी परिसर में लगना शुरू हो गया. देखते ही देखते किसानों की ट्रोलियां मंडी में आने लगी और व्यापारी अपने अनुसार माल को खरीदते हुए नजर आए.
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हालांकि, कुछ दिन पूर्व हुई बारिश के चलते गेहूं की फसल के दाने से चमक उड़ गई थी. तो चमकदार दाना बहुत ही कम कृषि उपज मंडी में आया फिर भी किसानों को व्यापारियों ने खाली हाथ जाने नहीं दिया. उस माल को भी व्यापारियों ने खरीदा है और किसानों को राहत पहुंचाने का काम किया है.
अब हो सकेंगे कर्ज मुक्त...
किसानों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है. रोजमर्रा की चीजों के लिए हमारे पास पैसे नहीं हैं. ऊपर से हमनें कर्ज लिया हुआ है. इस फसल के खरीद जाने के बाद हमें जो राशि मिलेगी हम अपना कर्ज समय पर चुका देंगे. साथ में हमारा घर का खर्च भी चल जाएगा.