बूंदी.जयपुर-कोटा फोरलेन पर पिछले 20 से 22 दिनों से पानी भरा हुआ है. जिसके बाद फोरलेन जल हाईवे बन चुका है. बूंदी जिले के तालाब गांव के पास पिछले कई दिनों से फोरलेन का 400 मीटर से लंबा हिस्सा तालाब बना पड़ा है. क्षेत्र में 15 अगस्त को हुई तेज बारिश के बाद से हाइवे बंद है और पूरा ट्रैफिक नजदीक के पास से गुजर रहे आम रास्ते से निकाला जा रहा है.
पिछले 20 दिन से वन-वे चलाकर राहत देने की कोशिश
बूंदी में आई बाढ़ से नदी नाले उफान पर रहे तो तालाबों बांधों की स्थिति भी ठीक-ठाक हो गई है. अधिकतर तालाब ओवरफ्लो होने के चलते अभी तक भी उफान पर है. ऐसा ही हाल शहर के नजदीक फूल सागर तालाब का है. जो ओवरफ्लो होने के साथ ही आमजन की बड़ी मुसीबत बन गया है. यहां पर पिछले 3 हफ्ते से तालाब का पानी आमजन के लिए परेशानी का सबब बन गया है. जिसके चलते प्रशासन की ओर से पिछले 20 दिन से वन-वे चलाकर राहत देने की कोशिश की जा रही है. वहीं अधिकांश वाहनों को गांव के अंदर वाली पुरानी सड़कों से निकाला जा रहा है. जिससे से गुजरने वाले हर दिन सैकड़ों वाहनों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा है.
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बाईपास बनने के दौरान ग्रामीणों ने किया था विरोध
वहीं विभागीय इंजीनियर की अनदेखी के चलते तालाब के क्षेत्र में ही हाइवे निर्माण कंपनी ने बूंदी-कोटा-जयपुर फोरलेन का निर्माण करवाया था. फूल सागर में पानी की आवक होने से पानी भर गया और इस सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने फोरलेन के रास्ते को बंद करना पड़ा. प्रशासन को 24 घंटे दो - दो फोरलेन कर्मचारियों एवं पुलिस कर्मचारी को तैनात करना पड़ा. फूल सागर क्षेत्र में बाईपास बनने के दौरान ग्रामीणों द्वारा इसका विरोध भी किया गया था कि सड़क तालाब के बीचो-बीच निकाली जा रही है और उसे काफी नीचे बनाया जा रहा है. इस पर पानी आना स्वभाविक है. लेकिन उस समय निजी कंपनी द्वारा शिकायत को दरकिनार किया गया और आज सड़क पर पानी पानी हो गया है. हालांकि प्रशासन द्वारा बड़े ट्रकों की आवाजाही को भी इस पानी में नहीं जाने दिया जाए. लेकिन वह भी अपने रिक्स पर ही इस फोरलेन को पार कर रहे हैं, क्योंकि पानी इतना है कि आधा ट्रक डूब जाता है. ऐसे में चालक अपने सफर को यह जान जान जोखिम में डालकर पार कर रहे हैं.