केशवरायपाटन (बूंदी).जिला कोरोना के संक्रमण से मुक्त रहकर ग्रीन जोन में बना हुआ है. सभी विभागों के कार्मिक बेहतर समन्वय से कोरोना महामारी से जिले को बचाने के बेहतर प्रयास कर रहे हैं. तो गांव भी इससे अछूते नहीं है. ग्रामीण इलाकों के अस्पतालों के अधीनस्थ कार्मिक गांवों में दौड़ रहे है. साथ ही डोर टू डोर लोगों की जांच कर रहे है और उन्हें जागरूक भी कर रहे हैं.
जिले के देईखेडा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत आने वाले 21 गांवों को कोविड-19 संक्रमण से बचाने का बीड़ा चिकित्सा अधिकारी डॉ. ललित किशोर मीणा, डॉ. दीपक शर्मा, डॉ. पारितोष श्रंगी और पीएचएस मुकेश शर्मा ने उठा रखा है. जो अस्पताल में मरीजों को चिकित्सा सुविधा के साथ ही क्षेत्र में आठ एएनएम, 23 आशा सहयोगनी और 25 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की टीम बनाकर घर-घर सर्वे करने में लगे हुए हैं.
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जो घर-घर जाकर आईएलआई मरीजों की स्क्रीनिंग, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क का प्रयोग और बाहर से आने वाले लोगों की निगरानी के साथ मोबाइल ओपीडी कैंप आयोजित कर चिकित्सा सेवा उपलब्ध करवा रहे हैं. चिकित्सा टीम क्षेत्र में 27 हजार 399 लोगों की घर-घर जाकर स्क्रीनिंग और 966 बाहर से आए लोगों की स्क्रीनिंग कर होम आइसोलेट कर क्षेत्र को कोरोना संक्रमण मुक्त रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और पूरा स्टाफ इस महामारी से निपटने के लिए तन मन से सेवा दे रहा हैं.
कोरोना वॉरियर्स कर रहे है रात-दिन सेवा बता दें कि कोरोना मानवीय त्रासदी लेकर आया है, एक ऐसी त्रासदी जो पूरे विश्व को प्रभावित कर रही है. कोरोना संक्रमण में जिला, पुलिस प्रशासन और चिकित्सा विभाग के प्रयासों से प्रदेश में सफलता मिल रही है. बूंदी जिला भाग्यशाली है जो, अब तक महज एक कोरोना पॉजिटिव आई है. जिसे भी प्रशासन ने कोटा आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करवा दिया है.