बूंदी.राजस्थान को अपनी ऐतिहासिक धरोहर के लिए जाना जाता है. यहां के हर जिलों में ऐसी विशेषता है. जहां पर पर्यटक खुद-ब-खुद खींचे चले आते हैं. ऐसा ही शहर है छोटी काशी बूंदी. यहां पग-पग पर विरासत है, जिसे देश-विदेश के पर्यटक देखने आते हैं और विरासत का लुत्फ उठाते हैं. वहीं इस विरासत को और निखारा जाए, इसको लेकर प्रशासन ने 25 साल पूर्व बूंदी उत्सव की शुरुआत की थी. इस बूंदी उत्सव में 3 दिनों तक विविध कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जिसमें पर्यटकों का स्वागत सत्कार, मान-मनुहार, विशाल शोभायात्रा, ऐतिहासिक धरोहर से रूबरू करवाना सहित पर्यटकों के लिए यह कार्यक्रम आयोजित होते हैं.
इन 25 सालों में बूंदी उत्सव ने कई आयाम स्थापित किए तो कहीं विरोध भी झेले हैं. इस साल भी 15 नवंबर को बूंदी उत्सव की शुरुआत होने जा रही है. इस बार 25वें रजत महोत्सव के रूप में बूंदी उत्सव मनाया जाएगा, जिसकी प्रशासन की ओर से तैयारी है. वहीं इस बार 3 दिन का उत्सव ना होकर 15 दिन का बूंदी उत्सव आयोजित करने की बात प्रशासन कह रहा है. लेकिन बूंदी की स्थिति देखकर आप अंदाजा ही नहीं लगा सकते की यहां किसी प्रकार के उत्सव की तैयार चल रही है.
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25वें रजत महोत्सव में ये होंगे कार्यक्रम
वहीं दूसरी तरफ 15 नवंबर को बूंदी उत्सव की शुरुआत गढ़ पैलेस के गढ़ गणेश जी से पूजा-अर्चना के साथ शुरू होगी. उसके बाद विशाल शोभायात्रा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें ऊंट, घोड़े व विशेष झांकियां शामिल होगी. इसके बाद में पुलिस ग्राउंड में रस्साकशी, साफा बांध प्रतियोगिता, मटकी दौड़ प्रतियोगिता, घोड़ा दौड़ प्रतियोगिता आयोजित होगी. वहां मौके पर विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए जाएंगे. सभी खेलों में प्रतियोगिताओं में देशी-विदेशी पर्यटक शामिल होंगे और मौके पर पर्यटकों को भारतीय संस्कृति से रूबरू करवाया जाएगा. साथ ही अगले दिन भारतीय एवं राजस्थानी भोजन से रूबरू किया जाएगा और कि उन्हें उस व्यंजन की विशेषता बताई जाएगी ताकि वह खाने से रूबरू हो सकें. यही नहीं प्रशासन की ओर से संध्या कालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित करवाया जाएगा. जहां देश-विदेश से कलाकार 84 खंभों की छतरी पर विविध कार्यक्रम आयोजित करेंगे.