बूंदी. जिले के कई इलाकों में आज भी लकड़ी की नाव संचालित होती हैं, जिसमें हादसों का डर रहता है. जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने जिले में नदी और तालाबों के किनारे चल रही नावों को बंद करा दिया गया है. अब जिले में नौकायन अधिनियम के तहत नौकायन के लिए फिटनेस और सत्यापन जरूरी होगा.
दरअसल, कोटा के खतौली इलाके में चंबल नदी पर हुए नाव हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में बूंदी जिला प्रशासन भी सतर्क हो गया है. बूंदी कलेक्टर आशीष गुप्ता ने नदी, तालाबों, जलाशयों और पानी के अन्य स्रोतों पर संचालित नोका परिवहन से होने वाली जन हानि को रोकने के लिए बूंदी जिला पुलिस अधीक्षक, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद बूंदी, संबंधित उपखंड अधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक, तहसीलदार, संबंधित विकास अधिकारी, जिला परिवहन अधिकारी और मत्स्य परियोजना अधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं. जिसमें उन्होंने कहा कि, जिले में नाव संचालिन लिए सक्षम अधिकारी से फिटनेस प्रमाण और सत्यापन प्रमाण पत्र लेना जरूरी होगा. जब तक प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं होता तब तक नाव परिचालन को रोक दिया जाए. साथ ही ये भी सुनिश्चित किया जाए कि जिले में राजस्थान नोका विनियम अधिनियम 1956 की धारा 7 के तहत स्वामी अनुज्ञप्ति की शर्तों के अनुसार नोका का संचालन हो. यदि संबंधित अधिकारी को जांच में कोई नाव असुरक्षित मिलती है तो उसे बिना किसी सुनवाई के निलंबित कर दिया जाए.