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18 दिन बाद भारत लौटा भंवर सिंह का शव, दिल्ली एयरपोर्ट पर परिजनों को किया गया सुपुर्द

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Published : Feb 17, 2020, 1:48 PM IST

एक बार फिर ईटीवी भारत ने सामाजिक सरोकार को निभाया है. इराक में फंसे भारतीय मजदूरों की वतन वापसी की अटकलें साफ होती नजर आ रही हैं. बता दें कि 18 दिन बाद भारत के भंवर सिंह का शव भारत लौट आया है और भारतीय दूतावास ने दिल्ली एयरपोर्ट पर शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया है.

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18 दिन बाद भारत लौटा भंवर सिंह का शव

बूंदी. इराक के बगदाद से इराकी एयरलाइन की फ्लाइट से प्रदेश वासी भंवर सिंह का शव सोमवार को दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचाया गया. इराक स्थित भारतीय दूतावास से फोन पर चर्मेश शर्मा को इस बारे में सूचित किया गया था. बता दें कि सोमवार तड़के नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भंवर सिंह का शव पहुंच गया. जहां पर भारतीय दूतावासों ने कागजी कार्रवाई पूरी कर परिजनों को शव सौंप दिया.

बता दें कि पहली बार ऐसा हुआ है एक मृत व्यक्ति के लिए इमरजेंसी सर्टिफिकेट जारी किया गया हो. भंवर सिंह के रिश्तेदार विजय सिंह, लक्ष्मण सिंह व यूथ कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा इस दौरान मौके पर मौजूद रहे. दरअसल, 19 दिनों से भंवर सिंह का शव इराक में था और इराकी सरकार शव भेजने को तैयार नहीं थी. परिजनों ने सरकार और भारतीय दूतावासों पर दबाव बनाया तो 18 दिन बाद भंवर सिंह के शव की वापसी संभव हो पाई. वहीं राजस्थान के 29 मजदूर अभी भी इराक में फंसे हुए हैं, भंवर सिंह के शव आने के बाद उनकी वापसी की उम्मीद भी नजर आ रही हैं.

18 दिन बाद भारत लौटा भंवर सिंह का शव
भंवर सिंह के परिजन विक्रम सिंह ने बताया कि 9 वर्ष पूर्व भंवर सिंह रोजगार के लिए इराक गया था. उनको भारत भेजने के लिए इराक सरकार को $1000 डॉलर की पेनल्टी भी हमने जमा करवा दी थी और वह 2 दिन में भारत आने वाले थे, लेकिन इराक सरकार ने 2 दिन का नाम लेकर बीमार होने के बावजूद भी 10 दिन तक नहीं भेजा. जिसके बाद उनकी मृत्यु होने की सूचना मिली. जिससे परिवार के पैरों तले से जमीन खिसक गई थी. बगदाद भारतीय दूतावास की ओर से इस मामले को देख रहे कार्मिक ने बताया कि 18 दिनों से भंवर सिंह शेखावत का शव बगदाद के पास चिकित्सालय की मोर्चरी में रखा हुआ था. अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार अंतिम संस्कार प्रत्येक मृत व्यक्ति का सबसे बड़ा वैज्ञानिक और प्राकृतिक अधिकार है. किसी को भी इससे वंचित नहीं किया जाता, फिर भी इराक सरकार ने शव को कानून के दांव पेंच में फंसाए रखा, लेकिन अब बड़े संघर्ष के बाद शव भारत आ गया है.

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29 नागरिक हैं भारत आने के इंतजार में
इराक के नफज क्षेत्र में एक कंपनी की कैद में 29 भारतीय और हैं जो वतन लौटने का इंतजार कर रहे हैं. भारतीय नागरिकों में बूंदी जिले के नैनवा क्षेत्र के निवासी महेंद्र बेरवा, विनोद बेरवा, सुरेश बेरवा, बाबूलाल बेरवा, रामरतन, छोटू लाल सहित कन्हैयालाल, कुश ,जोधराज गुर्जर, प्रकाश चंद्र रेगर,हरफूल, विनोद, लक्ष्मण, ओम प्रकाश वर्मा, देवी लाल मीणा, गणेश लाल, ओमवीर, राकेश कुमार वर्मा, शिशुपाल, गोपाल लाल रेगर, ओमप्रकाश, मोहनलाल, नंदकिशोर, प्रवीण कुमार, मदन लाल, किशन लाल, बजरंग लाल, अमृत लाल मीणा बाबूलाल शामिल हैं.

झुंझुनू जिले के नाहर सिंघाड़ी गांव निवासी भंवर सिंह शेखावत के शव की वतन वापसी के बाद जल्द उम्मीद जताई जा रही है कि राजस्थान के 29 नागरिकों को भी जल्द भारत लाया जाएगा. फिलहाल, भंवर सिंह के परिजनों को भारतीय दूतावास ने शव सुपुर्द कर दिया है और कागजी कार्रवाई पूर्ण कर शव झुंझुनू के लिए रवाना हो गया है. बता दें कि भंवर सिंह बूंदी के ही अन्य भारतीय मजदूरों के साथ इराक में फंसे थे. ऐसे में सभी को भारत लाने की मुहिम भी यहीं से शुरू की गई थी.

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